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टांडा, अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) नगर के मोहल्ला कस्बा स्थित कौंमी इंटर कालेज के मैदान में लगी प्रदर्शनी को परमीशन देने में जमकर अनियमितता बरती गयी। परिणामस्वरूप बुधवार व गुरुवार को कई हादसे हुए जिसमें लगभग एक दर्जन लोगों को चोटें आईं, इसमें कई कम उम्र के नौनिहाल भी हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद भी धारा 144 की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। गुरुवार को हुए हादसे का प्रकरण सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने प्रदर्शनी की फाइल को तलब कर लिया। इधर पुलिस ने प्रदर्शनी को अविलंब बंद कराने की रिपोर्ट एसडीएम टांडा को सौंप दी।कौमी इंटर कालेज के मैदान में बीते दो अप्रैल से गोरखनाथ डिजी लैंड फाउंडेशन के बैनर तले प्रदर्शनी का आयोजन मैनेजर अजय दूबे की देखरेख में चल रहा है। आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी होने के बाद भी अधिकारियों ने प्रदर्शनी की अनुमति दे दी। अनुमति मिलते ही प्रदर्शनी मैनेजर ने अपने बाउंसरों के बल पर बिना नगरपालिका व विनियमित क्षेत्र की एनओसी लिये ही प्रदर्शनी शुरू करा दी। प्रदर्शनी में कहने को तो पुलिस चौकी भी बनायी गयी है लेकिन उसमें कभी पुलिसकर्मी रहते नहीं हैं। प्रदर्शनी में गेट पास के नाम पर जनता को लूटा जा रहा है, क्योंकि गेट पास पर न तो कोई सीरियल नम्बर है और न तो उस पर कोई मूल्य छपा है, फिर भी 20 रुपये प्रति व्यक्ति गेट पास वसूला जा रहा है। प्रदर्शनी में लगे झूलों की गुणवत्ता पर हाईकोर्ट के चिंता व्यक्त करने के बाद भी अधिकारी आंख मूदे हुए हैं जिसके परिणामस्वरूप बीते बुधवार को कुछ बच्चे घायल हुए और गुरुवार को मिक्की माऊस पलट गया तथा ब्रेक डांस का प्लेटफार्म बैठ गया, जिसकी चपेट में आने एक दर्जन बच्चे घायल हो गये। आनन फानन में उन्हें परिजन प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराये, जिनमें से कुछ बच्चों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। घायल दर्शकों के परिजनों ने जब इसकी शिकायत प्रदर्शनी मैनेजर अजय दूबे से की तो मैनेजर ने अपने बाउंसरों के माध्यम से उन्हें चुप कराने का प्रयास किया। इस दौरान लोग प्रदर्शनी गेट पर ही प्रदर्शन करने लगे जिन्हें कोतवाली टांडा के स्पेशल पुलिस कर्मियों ने हटाया।आचार संहिता के बाद भी लापरवाही:पूरे प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है जिसमें कहीं पर भी पांच व्यक्तियों के एक साथ इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है उसके बाद भी प्रदर्शनी मैनेजर अपने रसूख के बल पर प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए बीते दो अप्रैल से प्रदर्शनी का संचालन करता चला आ रहा है। प्रतिदिन प्रदर्शनी में हजारों की संख्या में लोग भीड़ की शक्ल में पहुंच रहे हैं। स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। इतना ही नहीं प्रदर्शनी मैनेजर ने बिना नगरपालिका परिषद टांडा व विनियमित क्षेत्र से एनओसी लिए अस्थायी निर्माण भी करा लिया।डीएम के सख्त रुख के बाद प्रदर्शनी बंद:प्रदर्शनी में घायल बच्चों को फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन ने प्रदर्शनी को बंद करा दिया। वायरल वीडियो व फोटो का संज्ञान जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने लिया और शुक्रवार की सुबह ही एसडीएम टांडा के कार्यालय से प्रदर्शनी की अनुमति की फाइल को अपने पास मंगवा लिया। जिलाधिकारी के सख्त रुख को देख कोतवाल टांडा दीपक सिंह रघुवंशी ने प्रदर्शनी को अविलंब बंद करने की रिपोर्ट एसडीएम टांडा मोहनलाल गुप्त को सौंप दी।