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संवाददाता प्रिंस शर्मा आलापुर
अंबेडकरनगर । अपनी क़ामयाबी के सफ़र में नाज़ ओ नखरे से दूर रहो तुम । तुम्हारे शहर का हर एक शख्स तुम्हारे नाम से परिचित है ।। चर्चित कवि व मंच संचालक डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु का यह शेर सादगी के साथ इंसान को अपना स्वाभिमान बनाए रखने की नसीहत दे रहा है । पेशे से परिषदीय शिक्षक जिज्ञासु कविता और साहित्य में अच्छी शौक रखते हैं । किसी भी कार्यक्रम या महोत्सव में अपनी संचालन कला से लोगों को अपना मुरीद बना लेते हैं जिज्ञासु । अब तक जिज्ञासु के दर्जनों काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें व्यक्तिगत एवं साझा काव्य संग्रह शामिल हैं । कई शैक्षिक सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा जिज्ञासु को सम्मानित किया गया है । इसी कड़ी में हाल में नवांकुर अंजलि साहित्य आस्था परिवार अयोध्या धाम द्वारा श्री राम ऑडिटोरियम अयोध्या में अर्ध कुंभ साहित्यिक महोत्सव का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में देश के अलग-अलग प्रांतों से आए हुए कवियों एवं कवयित्रियों ने अपने गीत ग़ज़ल से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया । नवांकुर अंजलि साहित्यिक परिवार द्वारा श्री राम ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम का खूबसूरत संयोजन कवि दुर्गेश दुर्लभ द्वारा किया गया । इस आयोजन में अंबेडकरनगर से मेहमान कवि व संचालक के रूप में डॉ० तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु की उपस्थिति रही । उन्होंने अपने काव्य पाठ से लोगों को ताली बजाने पर मजबूर किया । काव्य पाठ के उपरांत संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं अतिथियों के बीच माला मोमेंटो एवं पट्टिका अलंकरण के साथ जिज्ञासु का सम्मान हुआ । जिज्ञासु के सम्मान पर कवियों , साहित्यकारों , शिक्षकों एवं समाजसेवियों द्वारा सोशल मीडिया पर बधाई एवं शुभकामनाओं का सिलसिला जारी है ।