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आशा भारती नेटवर्क
अंबेडकर नगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज सदरपुर में छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। शनिवार रात के बाद रविवार आधी रात करीब फिर से जमकर हंगामा हुआ। मेडिकल कॉलेज प्रशासन पहले दिन हुए हंगामे के बाद भी कार्रवाई को लेकर मौन साधे रहा। अब मामला कॉलेज परिसर से बाहर पहुंच गया। अलीगंज थाने में दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज करा दिया है। दोनों पक्ष की तरफ से हुई मारपीट में करीब आधा दर्जन छात्र घायल भी हो गए।राजकीय मेडिकल कॉलेज सदरपुर एक फिर से हंगामे की चपेट में है। यहां अलग-अलग जाति वर्ग के गुटों के बीच शनिवार रात कहासुनी व मारपीट हो गई। मेडिकल छात्रों के बीच हुई इस घटना में दोनों पक्षों की तरफ से मेडिकल कॉलेज प्रशासन से शिकायत की गई। आरोप है कि इस पर सुनवाई नहीं हुई तो रविवार रात एक बजे करीब एक गुट के छात्रों ने एकजुट होकर मारपीट व हंगामा शुरू कर दिया।सूचना मिलते ही अलीगंज पुलिस मेडिकल कॉलेज पहुंच गई। वहां प्राचार्य व अन्य शिक्षकों की मौजूदगी में तय हुआ कि सुबह दस बजे दोनों पक्षों को बुलाकर जरूरी निर्णय लिया जाएगा। हालांकि इससे पहले ही रविवार रात हंगामा करने वाले गुट से जुड़े छात्र अलीगंज थाने पहुंच गए। उन्होंने प्राचार्य द्वारा बुलाई गई मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। एसओ अलीगंज मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां दूसरे गुट के छात्र प्राचार्य कक्ष में मौजूद थे।इस बीच खबर मिली कि कुछ छात्र थाने पहुंच गए हैं तो थाना प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मी वापस थाने लौट आए। वहां थोड़ी देर बाद दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंच गए। इसके बाद घंटों थाने में ही जोर आजमाइश का दौर दोनों पक्षाें की तरफ से चलाया जाता रहा। भीम आर्मी पार्टी के लोग भी थाने पहुंचे और पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया। हालांकि पुलिस टीम ने दोनों पक्ष की तरफ से तहरीर लेकर केस दर्ज कर लिया। इसमें करीब एक दर्जन छात्रों को नामजद किया गया है।मेडिकल कॉलेज में छात्रों के बीच शनिवार रात से शुरू हुए हंगामे को शांत कराने के बजाय कई शिक्षक मामले को तूल देते दिखे। ऐसे कई शिक्षक जाति के आधार पर छात्रों का समर्थन करते रहे। हद तो यह हुई कि ऐसे छात्रों की तरफ से केस दर्ज करने के लिए भी थानों में फोन किए जाते रहे। कई वरिष्ठ शिक्षकों ने संबंधित गुटों का समर्थन करने के लिए कई छात्रों को थाने भी भेजा। खबर है कि थाने से ऐसे शिक्षकों को करारा जवाब दिया गया। पुलिसकर्मियों ने कहा कि यदि इस तरह की हरकत शिक्षक भी करेंगे तो उनके खिलाफ भी केस दर्ज होगा। इसके बाद शिक्षकों द्वारा दबाव बनाया जाना कम हुआ।मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मेडिकोज के बीच हुए हंगामे व मारपीट को लेकर जांच कमेटी का गठन कर दिया है। दोनों पक्षों के कई छात्रों को तीन से छह माह के लिए प्रतिबंधित करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि जल्द ही जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। इसके बाद प्रशासन की तरफ से समुचित निर्णय लिया जाएगा।