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देश भर में लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। अलग-अलग राज्यों में कई चरणों में संपन्न हो रहे इन चुनावों के माध्यम से सत्ता की बागडोर अगले 5 सालों के लिए किसी एक राजनीतिक पार्टी और उसके गठबंधन को जनता सौंपने वाली हैं।
बात अगर पिछले 10 सालों की हो तो भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा और NDA का शासन रहा है।
पिछले 10 सालों के दौरान भारत में कई ऐसे विकासात्मक निर्माण हुए जिनकी वजह से आधुनिक भारत का डंका दुनिया भर में बजा है। आइए जान लेते हैं, पिछले 10 सालों में कौन से ऐसे विकासात्मक निर्माण हुए जिनकी वजह से विदेशों में भी भारत के नाम का चर्चा होने लगा है…
1. मुंबई कोस्टल रोड
11 मार्च 2024 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वर्ली से मरीन ड्राइव को जोड़ने वाली मुंबई कोस्टल रोड का उद्घाटन किया। इस रोड का निर्माण अक्तूबर 2018 में शुरू हुआ था। 29.2 किमी लंबी इस कोस्टल रोड के निर्माण में लगभग ₹13,898 करोड़ की लागत आयी थी। यह सड़क देश की पहली सड़क है, जिसका बड़ा हिस्सा समुद्र के नीचे बनाया गया है, जिसके लिए 2 किमी लंबा टनल बनाया गया है।
2. सुदर्शन सेतु
गुजरात में कच्छ की खाड़ी बेट द्वारका द्वीप को मुख्य भूमि ओखा से जोड़ने वाला सिग्नेचर ब्रिज सुदर्शन सेतु का उद्घाटन इस साल फरवरी में किया गया था। इस ब्रिज को पूरी तरह से केबल से बनाया गया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रिम प्रोजेक्ट बताया जाता है। इस सेतु का निर्माण अक्तूबर 2017 में शुरू हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार इस ब्रिज को तैयार करने में करीब ₹978 करोड़ की लागत आयी है। इस ब्रिज को श्रीकृष्ण के प्रिय मोरपंख और श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों से सजाया गया है। यह भारत का सबसे लंबा केबल-स्टे ब्रिज बताया जाता है जिसकी लंबाई 900 मीटर है।
3. चिनाब रेलवे ब्रिज
भौगोलिक स्थिति के कारण जहां सड़क निर्माण संभव नहीं हो पाया था, वहां दुनिया की सबसे ऊंची रेलवे ब्रिज का निर्माण किया गया है। यह कश्मीर में दुनिया की सबसे ऊंची धनुषाकार रेल ब्रिज है। इस ब्रिज के निर्माण की स्वीकृति साल 2002 में मिली थी और निर्माण 2004 में शुरू हुआ था।
इसे कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी के ऊपर बनाया गया है, जिसकी ऊंचाई चिनाब नदी के तल से करीब 359 मीटर और नदी की सतह से 322 मीटर है। ब्रिज की कुल लंबाई 1315 मीटर है, जिसमें से 530 मीटर जमीन से ऊपर और शेष 785 मीटर चिनाब वैली के ऊपर बनाया गया है। ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगले 150 सालों तक यह सही-सलामत रहें।
4. अटल सुंरग
भारत में सबसे ऊंची जगहों पर बनायी गयी सुरंगों में अटल टनल का नाम सबसे ऊपर आता है। 9.02 किमी लंबे इस सुरंग को हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में बनाया गया है। मनाली से लेह को जोड़ने वाले इस सुरंग का उद्घाटन अक्तूबर 2020 में किया गया था। इस सुरंग के बन जाने से मनाली से लेह के बीच की दूरी करीब 4 घंटे कम हो गयी है। यह एक टेक-सेवी सुरंग है, जिसमें फायर स्टेशन, इमरजेंसी फोन सेवा और अवालांच गैलरी भी मौजूद है।
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5. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
गुजरात के केवड़िया में मौजूद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा है। यह दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई करीब 600 फीट है, जिसका निर्माण करने में करीब 4 सालों का समय लगा। इसका निर्माण साल 2014 में शुरू हुआ था और 2018 में इसका लोकार्पण किया गया।
इसके निर्माण में करीब ₹2,989 करोड़ की लागत आयी थी। इस प्रतिमा के निर्माण में 6,500 टन संरचित स्टील, 1,700 टन पीतल, 1850 टन तांबा तथा 180,000 क्यूबिक मीटर सीमेंट आदि का इस्तेमाल किया गया है।
6. अंडर वाटर मेट्रो
कोलकाता में धर्मतल्ला से हावड़ा मैदान तक का अंडरवाटर मेट्रो का सफर यात्री कभी नहीं भूल सकेंगे। देश में सबसे पहला अंडर वाटर मेट्रो सेवा कोलकाता में शुरू की गयी। 16.6 किमी लंबी यह मेट्रो लाइन कोलकाता के सॉल्टलेक सेक्टर 5 से सियालदह होते हुए, धर्मतल्ला से होकर हावड़ा मैदान तक जाती है।
वर्तमान में इस मेट्रो स्ट्रेच का हावड़ा मैदान से धर्मतल्ला (एस्प्लेनेड) खंड पर संचालन किया जा रहा है। वहीं इस कॉरिडोर में सॉल्टलेक सेक्टर 5 से सियालदह तक मेट्रो सेवा भी बहाल हो चुकी है।
7. मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL)
12 जनवरी 2024 को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। 6 लेन चौड़ी इस ब्रिज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर ‘अटल-सेतु’ रखा गया है। इस ब्रिज के शुरू होने से नवी मुंबई से मुंबई का सफर तय करने में पहले के मुकाबले कम समय लगेगा। 21.8 किमी लंबे इस ब्रिज का 16.5 किमी हिस्सा पानी पर बनाया गया है।
मुंबई के सेवरी में शुरू हुआ MTHL रायगढ़ के उरन तालुका के न्हावा शेवा में खत्म हुआ है। इस ब्रिज की वजह से मुंबई से नवी मुंबई के बीच की दूरी को तय करने में महज 20 मिनट का समय लगता है जबकि पहले इस दूरी को तय करने में लगभग ढाई घंटे का समय लगता था।
8. राम मंदिर, अयोध्या
लंबे हिंसात्मक संघर्ष के बाद आखिरकार श्रीराम जन्मभूमि पर कोर्ट का फैसला आया और इस जमीन पर श्रीराम का भव्य मंदिर बनाने की अनुमति दी गयी। अयोध्या में राम मंदिर के भूतल में रामलला की मूर्ति को स्थापित किया गया है। वहीं प्रथम तल में राम दरबार बनाया जाएगा।
इसके अलावा राम मंदिर परिसर में 6 अन्य मंदिरों के निर्माण का प्रस्ताव है। मंदिर की कुल ऊंचाई 161 फीट है, जो भारत का सबसे विशाल मंदिर बताया जाता है। मंदिर के नक्शा का निर्माण उस समय कर दिया गया था जब विवादित भूमि को लेकर कोर्ट का कोई फैसला भी नहीं आया था।
9. द्वारका एक्सप्रेस वे
11 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका एक्सप्रेस वे के 19 किमी लंबे हिस्से का उद्घाटन किया था। यह एक्सप्रेस वे दिल्लीवासियों को घंटों लंबी जाम और प्रदूषण से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होगी। इस एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 29 किमी है।
द्वारका एक्सप्रेस वे हरियाणा के गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास से दिल्ली के महिपालपुर को जोड़ता है। एक्सप्रेस वे के इस हिस्से को बनाने में करीब ₹4,100 करोड़ की लागत आयी है। यह एक्सप्रेस वे सिंगल पिलर पर बनाया गया है, जिसका दिल्ली सेक्शन में 3.6 किमी हिस्सा सुरंग से होकर गुजरता है।