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खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए शासन द्वारा लगातार निर्णय हो रहे हैं। पूर्व में जहां ई-पॉस मशीन के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण किया जाता था तो बीते अप्रैल से ई-वेइंग मशीन द्वारा खाद्यान्न का वितरण किया जाने लगा। जिलापूर्ति अधिकारी कार्यालय के अनुसार राशनकार्डधारक परिवार के प्रत्येक सदस्य को ई वेइंग मशीन द्वारा बायोमेट्रिक जांच करानी होगी। मालूम हो कि जिले में 1120 कोटे से कुल चार लाख तीन हजार 693 राशनकार्डधारक जबकि 18 लाख 52 हजार 182 यूनिट हैं। इसमें पात्र गृहस्थी के तीन लाख 37 हजार 755 परिवार के 15 लाख 87 हजार 405 यूनिट जबकि अंत्योदय के 65,938 परिवार के दो लाख 64 हजार 777 यूनिट हैं।
कार्यालय के अनुसार परिवार में जितने भी सदस्य हैं उन्हें ई वेइंग मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। प्रत्येक सदस्य को अलग-अलग माह में अंगूठा लगाना होगा। यदि कोई सदस्य अंगूठा नहीं लगाता है अर्थात बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं कराता है तो विभाग की टीम उसका स्थलीय सत्यापन करेंगी। यह वहां उसका सत्यापन नहीं हुआ तो पात्रता सूची से उसका नाम बाहर कर दिया जाएगा।
जिलापूर्ति कार्यालय के अनुसार यह शिकायत सामने आ रही थीं कि परिवार के कुछ सदस्य दूसरे प्रदेश में स्थायी रूप से रहने लगे हैं। इसके बाद भी उनके नाम पर खाद्यान्न लिया जा रहा है। इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य का निधन हो जाने के बाद भी परिवार के किसी एक सदस्य द्वारा अंगूठा लगाकर सभी यूनिट का खाद्यान्न ले लिया जा रहा। इस पर अंकुश लगाने के लिए ही अब बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा है।
होगा स्थलीय सत्यापन
बायोमेट्रिक सत्यापन पूर्ण होने के बाद शासन से जो सूची प्राप्त होगी उसके आधार पर यह देखा जाएगा कि किसने बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं कराया है। ऐसे लोगों का चिंहांकन कर उनका स्थलीय सत्यापन टीम द्वारा कराया जाएगा। यदि सत्यापन में वे नहीं मिले तो पात्रता सूची से नाम काट दिया जाएगा।
शिवाकांत पांडेय जिलापूर्ति अधिकारी