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आशा भारती नेटवर्क
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 30.05.2024 को महिला शरणालय, अयोध्या में लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम (पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट) विषय पर तथा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में बाल श्रम निषेध विषय पर विधिक साक्षरता शिविर एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्देशानुसार गठित, शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा नारी शरणालय एवं बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या, शेल्टर होम्स का निरीक्षण किया गया। उक्त विधिक साक्षरता शिविर एवं शेल्टर होम्स के निरीक्षण में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्रीमती ज्योत्सना मणि यदुवंशी, अपर सिविल जज (सी०डि०) / अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अम्बेडकरनगर एवं श्री अभिषेक सिंह, तृतीय, सिविल जज, (जू०डि०) / जे०एम०, टाण्डा, अम्बेडकरनगर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी, पराविधिक स्वंय सेवक शेल्टर होम्स से हंसलाल, केयर टेकर, बाल सम्प्रेक्षण गृह व सुनीता, केयर टेकर, नारी शरणालय तथा अपचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
नारी शरणालय, अयोध्या में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पी०सी०पी०एन०डी०टी०) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंग अनुपात को रोकने के लिये भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून है। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक ‘पीएनडीटी एक्ट 1996 के तहत जन्म से पूर्व शिशु लिंग की जांच पर पाबन्दी है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोड़े या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा का प्रावधान है। उन्होने बताया कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री द्वारा हरियाणा राज्य में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का शुभारम्भ किया गया। एवं उन्होने शिविर में उपस्थित आमजन को बताया कि यदि इस सम्बन्ध में किसी की कोई शिकायत है तो वह किसी भी समय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है बालिकाओं के संरक्षण एवं पालन-पोषण में किसी भी तरह का भेद-भाव, आप्राकृतिक व निन्दनीय है। इसके अतिरिक्त उन्होंने गर्भावस्था के दौरान माता एवं होने वाले शिशु के स्वास्थ्य एवं कुपोषण के बारें में भी अपने विचार व्यक्त किये।
इसके अतिरिक्त बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में बाल श्रम निषेध विषय पर जानकारी देते हुये अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा बाल श्रम निषेध अधिनियम पर चर्चा करते हुये बताया गया कि विश्व में बाल श्रम एक आर्थिक सामाजिक समस्या है, यह एक समाज और देश पर ऐसा दाग है जो पूरी दुनिया में उसकी छवि खराब करता है और एक समाज की बहुत सारी समस्याओं को दर्शाता है। अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार बाल श्रम पीढ़ियों के बीच की गरीबी को बढ़ाता है, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को चुनौती देता है और बाल अधिकार समझौते द्वारा गारंटी के तौर पर दिये गये अधिकारों को कमजोर करने का काम करता है।
शेल्टर होम्स निरीक्षण के दौरान निरीक्षण समिति द्वारा नारी शरणालय एवं बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या के प्रभारी अधीक्षक को शेल्टर होम्स परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने, अपचारियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने, उनकी स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान देने एवं त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया एवं बढ़ती गर्मी से बचाव हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा यह भी बताया गया कि किसी को किसी प्रकार की समस्या अथवा निःशुल्क विधिक सहायता की आवश्यकता होने पर प्रार्थन पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत कर अपनी समस्याओं का निराकरण पा सकते हैं।