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आशा भारती नेटवर्क
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 31.05.2023 को संयुक्त जिला चिकित्सालय, अकबरपुर अम्बेडकरनगर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, डा० राजकुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अम्बेडकरनगर, डा० ओमप्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त जिला चिकित्सालय, डा० सर्वेश कुमार, डा० शशिकांत, डा० एस०के० वर्मा, डा० आशीष सिंह, डा० रवि वर्मा, पंख संस्था के अध्यक्ष, श्री आशु बग्गा, श्री इशरतुल्लाह, श्री प्रदीप, श्री ओमप्रकाश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण, पराविधिक स्वंय सेवकों जिला अस्पताल के कर्मचारीगण एवं उपस्थित आमजन द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने बताया कि ‘तम्बाकू का सेवन करना स्वास्थय के लिये हानिकारक है पूरे विश्व के लोगों को तम्बाकू मुक्त और स्वस्थ बनाने के लिये तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिये तम्बाकू चवाने या धुम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से तथा लोगों को आसानी से जागरूक बनाने के लिये विश्व भर में एक मान्यता प्राप्त कार्यक्रम के रूप में मनाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहली बार 07 अप्रैल 1988 को डबलू०एच०ओ० की वर्षगांठ के अवसर पर मनाया गया किन्तु बाद में हर वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गयी। आज पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 70 लाख लोग तम्बाकू के प्रयोग के कारण मर जाते हैं, इसलिये इस दिन को मनाने के पीछे यही ध्येय है कि आम जनता तम्बाकू से होने वाले नुकसान को जानें और तम्बाकू से बने पदार्थों से दूर रहे। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की वर्ष 2024 की थीम “Protecting children from tobacco industry
interference” है। इसका उद्देश्य बच्चों को तम्बाकू उत्पादों से दूर रखना और उन्हे तम्बाकू सेवन करने से बचाना है। इस थीम को फॉलो कर कम उम्र के बच्चों और युवाओं में तम्बाकू की लत लगने से बचाया जा सकता है।
तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे-धीरे मौत के मुँह में धकेलता रहता है। लोग जाने-अनजाने में तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते हैं, धीरे-धीरे शौक लत में परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनन्द प्राप्ति के लिये नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है। तम्बाकू उत्पादों का सेवन अनेक रूप में किया जाता है, जैसे-बीड़ी, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि। सिगरेट, बीड़ी और हुक्के का हर कश एवं गुटखे, जर्दै, खैनी की हर चुटकी हर पल मौत की ओर ले जा रही होती है। इसके सेवन से कई बीमारियां उत्पन्न होती है जैसे दीर्घकालिक अवरोधक फेफड़ों सम्बन्धी बीमारी, फेफड़े का कैंसर, हृदय घात, स्थायी दिल की बीमारी इत्यादि। सचिव महोदय द्वारा सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय एवं वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 (कोटपा) के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गई। जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध, सिगरेट तथा अन्य किसी तम्बाकू उत्पाद के विज्ञापन का निषेध, कोई भी व्यक्ति सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को नहीं बेच सकता तथा शैक्षिक संस्थानों से सौ गज की परिधि के अन्दर भी नहीं बेच सकता, समस्त तम्बाकू उत्पादों पर सचित्र स्वास्थ्य चेतावनी दर्शित होनी चाहिये तथा सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान निषेध नियम 2008 के विषय में जानकारी दी गई।
इसके अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के निर्देशानुसार गठित, शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति के न्यायिक अधिकारीगण श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्रीमती ज्योत्सना मणि यदुवंशी, अपर सिविल जज (सी०डि०) / अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं श्री अभिषेक सिंह, तृतीय, सिविल जज, जू०डि०/ जे०एम० टाण्डा द्वारा आज दिनांक 31.05.2024 को महिला कारागार अम्बेडकरनगर एवं वृद्धाश्रम, अकबरपुर अम्बेडकरनगर का निरीक्षण किया गया।
वृद्धाश्रम एवं महिला कारागार निरीक्षण के दौरान समिति द्वारा वृद्धजन तथा महिला बन्दियों से वार्ता कर उनकी समस्याओं को सुना गया तथा उचित निराकरण का आश्वासन दिया गया। निरीक्षण समिति द्वारा वृद्धाश्रम एवं महिला कारागार परिसर की साफ-सफाई व्यवस्था का भी जायजा लिया गया तथा बढ़ती गर्मी से बचाव की व्यवस्था भी देखी गई तथा कारागार अधीक्षक एवं वृद्धाश्रम प्रबन्धक को साफ-सफाई की व्यवस्था, बुनियादी सुविधाओं के इंतजाम हेतु तथा बढ़ती गर्मी के कारण वृद्धजन एवं महिला बन्दियों को होने वाली समस्याओं से बचाव हेतु उचित दिशा-निर्देश दिये गये। निरीक्षण समिति द्वारा कारागार अधीक्षक एवं वृद्धाश्रम प्रबन्धक को वृद्धजन तथा महिला बन्दियों हेतु गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराने एवं आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भी निर्देशित किया गया।