इस न्यूज को सुनें
|
आशा भारती नेटवर्क
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 06.06.2024 को जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में विभिन्न नियमों के तहत बन्दियों की रिहाई के सम्बन्ध में, श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण में जिला करागार अम्बेडकरनगर से श्री अंशुमन, अधीक्षक, जिला कारागार, अम्बेडकरनगर श्री गिरिजा शंकर यादव, कारापाल, श्री छोटेलाल सरोज, उपकारापाल, श्री सूर्यभान सरोज, उपकारापाल, श्री तेजवीर सिंह, उपकारापाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के कर्मचारी एवं पराविधिक स्वंय सेवक तथा जिला कारागार अम्बेडकरनगर के कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि ऐसे विचाराधीन बन्दी को तुरंत रिहा किया जाये जिन्होने अपने ऊपर लगे अभियोग की संभावति अधिकतम सजा का आधा समय बतौर आरोपी जेल में व्यतीत कर लिया है। न्यायालय ने यह निर्देश दिया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सचिव, जिला कारागार में जाकर इस प्रकार के बन्दियों की रिहाई के लिये आवश्यक प्रक्रिया की निगरानी करेंगे एवं आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। इस आदेश के बाद लम्बी अवधि से जेलों में बंद विचाराधीन कैदी रिहा हो सकेंगे। काफी संख्या में ऐसे विचाराधीन बन्दी भी हैं जो कानून की अनभिज्ञता के चलते या उचित पैरवी के अभाव में जेलों में बंद है। दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए उन विचाराधीन बन्दियों को जमानत पर छोडने का प्रावधान करती है जिन्होने अपने अभियोग के लिये संभावित अधिकतम सजा का आधा समय जेल में गुजार लिया हो। इसके अतिरिक्त दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) और धारा 437 (6) में भी तफतीश और न्यायिक कार्यवाही में होने वाली देरी की वजह से विचाराधीन बन्दियों को छोड़ने का प्रावधान है।
कारागार निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जेल अधीक्षक जिला कारागार अम्बेडकरनगर को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये तथा कारागार परिसर एवं स्नानागार एवं शौचालय की साफ-सफाई तथा बन्दियों की स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेष ध्यान दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के आदेशानुसार दिनांक 13.07.2024 दिन शनिवार को जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में लघु प्रकृति के फौजदारी वाद, एन०आई० एक्ट की धारा 138. भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, वैवाहिक / पारिवारिक वाद, दीवानी वाद, मोटर दुर्घटना एवं प्रतिकर वाद, विद्युत अधिनियम से संबन्धित वाद, श्रम वाद एवं भूमि अध्याप्ति वाद राजस्व वाद आदि सहित अन्य प्रकार के वादों का आपसी सुलह-समझौते के आधार पर अधिक से अधिक निस्तारण किया जाना है।
श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेकरनगर द्वारा बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के कम में आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांकित 13.07.2024 में पारिवारिक प्री-लिटिगेशन मामलों को सुलह समझौता के माध्यम से निपटा सकते हैं एवं कोई भी व्यक्ति अपने पारिवारिक विवाद को पंजीकृत होने से पूर्व प्रार्थना पत्र के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजकर सुलह समझौता द्वारा अपने पारिवारिक विवाद को प्री-लिटिगेशन स्तर पर खत्म कर सकते हैं और अपने धन और समय की बचत कर सकते हैं।
अतः जनपद के सभी आमजन को सूचित किया जाता है कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने अधिक से अधिक संख्या में वाद सुलह समझौता के माध्यम से नियत कर निस्तारित करवायें एवं राष्ट्रीय लोक
अदालत दिनांक 13.07.2024 का लाभ उठायें।