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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) जनपद में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात शरद कुमार दुबे को स्थानांतरण के 15 दिन बाद भी रिलीव नहीं किया गया। शरद कुमार दुबे करीब 10 साल से जिले में तैनात थे। 20 जून को शासन ने इनका स्थानांतरण अमेठी में कर दिया है।
सरकार ने विभागों में कर्मचारियों एवं अफसरों की पद स्थापना के अधिकतम समय तक रहने का नियम तय किया है। तय अवधि गुजर जाने के बाद अफसरों और कर्मचारियों को सरकार के स्थानांतरण आदेश से तय जगहों पर जाना ही होता है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य काम में पारदर्शिता लाना है, लेकिन कई विभागों में ऐसा नहीं होता। सरकार के आदेश की उन्हीं के अफसर अनदेखी कर रहे हैं। यदि सरकार के तबादला आदेश के बाद कोई अधिकारी कोर्ट से स्टे नहीं लिया है तब भी वह अपने पद पर जमा है। इसका सीधा सा मतलब यही होता है, उसने अपने उच्चाधिकारी से सेटिंग कर ली है। इसी वजह से वह विभाग से रिलीव नहीं हो रहा है।
ऐसा ही मामला ग्रामीण अभियंत्रण विभाग अकबरपुर में तैनात वरिष्ठ सहायक शरद कुमार दुबे का है। शरद कुमार दुबे करीब 10 वर्ष से जिले में तैनात है। 20 जून को शासन ने स्थानांतरण नीति के तहत उनका स्थांतरण प्रखंड अम्बेडकरनगर से प्रखंड अमेठी कर दिया। स्थांतरण पत्र में साफ लिखा है कि स्थनांतरण आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए, लेकिन करीब 15 दिन बाद वरिष्ठ सहायक को रिलीव नहीं किया गया। जिसके बाद सवाल उठता है कि आखिर क्यों स्थनांतरण के बाद वरिष्ठ सहायक को रिलीव नहीं दिया जा रहा है।
अधिशाषी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण शैलेंद्र चौधरी ने बताया कि जिन लोगों का स्थांतरण हुआ है। उनका एक दो दिन में रिलीव कर दिया जाएगा।