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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) जनपद में महिला सिपाही को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप में विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति एंव जनजाति रामबिलास सिंह ने वाराणसी जनपद में तैनात एक सिपाही को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सिपाही को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया गया। महिला सिपाही ने शादी न होने से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली थी।
बताते चलें कि मामला वर्ष 2019 में अम्बेडकरनगर जनपद के जैतपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। प्रतापगढ़ निवासी वादी ने दर्ज कराए केस में बताया कि उसकी पुत्री जैतपुर थाने में महिला आरक्षी के पद पर तैनात थी। उसी दौरान वहां तैनात सिपाही राजू यादव निवासी मधुबन मऊ से उसकी पुत्री का दोस्ती हो गई। राजू ने शादी का भरोसा देकर शारीरिक संबंध भी बनाया। इसके बाद शादी से इंकार कर दिया। मामले ने तूल पकड़ा तो सिपाही का स्थानान्तरण गैर जनपद हो गया। बाद में महिला आरक्षी ने क्षुब्ध होकर फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक महिला आरक्षी के पिता ने केस दर्ज कराए।
पिता ने कहा कि सिपाही राजू उनकी पुत्री से विवाह कर लेता तो वह आत्महत्या नहीं करती। जैतपुर पुलिस ने आरोपी सिपाही के खिलाफ दुष्कर्म व दलित एक्ट समेत आत्महत्या को प्रेरित करने की धारा में केस दर्ज किया। जेल भेजे जाने के बाद सिपाही इन दिनों जमानत पर रिहा चल रहा था। इस बीच मामले की सुनवाई तेजी से बढ़ी। विशेष लोक अभियोजक सुदीप मिश्र ने कई प्रकार के महत्वपूर्ण साक्ष्य कोर्ट के सामने रखे। जबकि बचाव पक्ष ने कहा कि घटना से काफी पहले ही आरोपी का स्थानान्तरण जैतपुर से दूर हो गया था।
विशेष न्यायाधीश रामबिलास सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए दलित उत्पीड़न के आरोप में सिपाही राजू यादव को आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाया। आत्महत्या के लिए प्रेरित करने तथा दुष्कर्म के आरोप में दस दस वर्ष की सजा सुनाते हुए दस दस हजार रुपये का अतिरिक्त अर्थदंड भी लगाया।