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अंबेडकर नगर। ( आशा भारती नेटवर्क) विद्युत चोरी को रोकने के लिए शासन द्वारा जनपदों में विद्युत थाने खोले गए हैं जिनका कार्य विद्युत चोरी करने वालों पर कार्यवाही करना है लेकिन यहां मामला उल्टा हो गया है। अब विद्युत थाने बड़े होटलों और फैक्ट्रियों की बिजली चोरी न पड़कर सूखे के मौसम में अन्नदाता के दो फेस के मोटर और गरीबों की झोपड़ी में जलने वाले बल्बों पर भाग दौड़ करके अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। होटल और फैक्ट्री मालिकों से साठ-गांठ करके अपनी जेब भरकर मालामाल हो रहे हैं। विद्युत विभाग का थाना खुले जनपद में काफी दिन हो गया है लेकिन अभी तक यह सूचना नहीं मिल पाई है कि किसी बड़े होटल अथवा फैक्ट्री में विद्युत की चोरी पड़कर विद्युत विभाग के थाने ने सरकार के राजस्व को बढ़ाया है।अब सवाल यह उठता है कि जनपद में अन्नदाता और गरीबों के अलावा कोई विद्युत चोरी करता ही नहीं और अगर करता है तो विद्युत विभाग का थाना उसे पकड़ता क्यों नहीं किसी विचारणीय प्रश्न को लेकर जिले का आम आदमी ही परेशान है और प्रदेश के संवेदनशील और जन प्रिय मुख्यमंत्री से यह आस लगाए बैठा है। आखिर कब तक बिजली विभाग के थानों का आतंक जिले के गरीबों और अन्नदाताओं पर होता रहेगा। नाम न छापने के शर्त पर एक दर्जन लोगों ने लिखित रूप से बताया कि विद्युत विभाग के लोग चेकिंग के नाम पर अन्नदाताओं के मोटर पकड़ते हैं, कार्यालय में बुलाते हैं, सेटिंग हो गई तो जाइए नहीं हो पाई तो आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा यह खेल विद्युत विभाग के थाने द्वारा कब तक होगा और सूबे के जनप्रिय मुख्यमंत्री जी के आखों से बचे रहेंगे ,इसी बात का जनता को बेसब्री से इंतजार है।