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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) दिल्ली कोचिंग में हादसे की शिकार हुई छात्रा श्रेया यादव का शव आज भोर में पैतृक गांव हाशिमपुर बरसावा पहुंचा। शव पहुंचते ही परिजनों व साथ पूरे गांव में कोहराम मच गया। बिटिया का शव देखते हुए मां शांती बेहोश हो गई। भाई अभिषेक व अन्य परिजन रिश्तेदार रोने बिलखने लगे। इस दौरान मौके पर मौजूद महिलाओं ने मां को संभाला। श्रेया की मां बार-बार बेहोश हो जा रही है।
होश आते ही बोल रहीं हैं कि, जिस घर से डोली उठनी थी, उस घर से आज अर्थी निकली। मां बोली बिटिया अफसर बनने गई थी, अब उसकी लाश आई है। गांव में हजारों नम आंखों ने अपने होनहार बिटिया की अंतिम विदाई दी। इस मौके पर एसडीएम सदर सौरभ ने श्रेया के शव पर माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शव को महादेवा घाट ले जाया गया, जहां परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया है। शव को महादेवा घाट ले जाया गया, जहां परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया है।
दिल्ली के राजेन्द्र नगर आईएएस सेंटर की लाइब्रेरी में पानी भरने से मरने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इनमें एक होनहार छात्रा अम्बेडकरनगर की निवासी थी, जिसने अप्रैल महीने में एडमिशन लिया था। छात्रा अपने मां बाप की तीन सन्तानो में सबसे बड़ी संतान थी। श्रेया की मां बार-बार बेहोश हो जा रही है। होश आते ही बोल रहीं हैं कि, जिस घर से डोली उठनी थी, उस घर से आज अर्थी निकली। मृतका श्रेया देश की सबसे बड़ी परीक्षा IAS पास करने का सपना लेकर दिल्ली गई थीं। जिस बिल्डिंग में कोचिंग चल रही थी, उसी के बेसमेंट में कोचिंग की लाइब्रेरी चल रही थी। बीते शनिवार शाम को इसी लाइब्रेरी में श्रेया सहित कई अन्य छात्र छात्राएं मौजूद थे। बरसात के बाद अचानक से बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पानी भर गया, जिससे सभी उसमें फंस गए, जब तक बचाव कार्य शुरू कर उन्हें बाहर निकाला गया। तब तक तीन छात्रों की मौत हो गई थीं, जिनमें श्रेया यादव की भी मौत हो गई थी।
श्रेया पढ़ने में शुरुआत से होशियार थी। श्रेया के भाई अभिषेक ने बताया- वह शुरू से पढ़ने में होशियार थी। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा पास करने के बाद बीएससी और एमएससी एग्रीकल्चर से करने के राजेन्द्र नगर के राव आईएएस कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया था।
इसके अलावा मास कम्युनिकेशन सेंटर यूनिवर्सिटी हरियाणा से कर रही थी। श्रेया यादव के चाचा धर्मेन्द्र यादव नोएडा में रहते हैं और वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता है। जबकि पिता बसखारी बाजार में डेयरी की दुकान चलाते हैं। श्रेया की परिजनों से 26 जुलाई को अंतिम बार बात हुई थी।