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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के आदेशानुसार एवं श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 03.08.2024 को ए०डी०आर० भवन, जनपद न्यायालय, अम्बेडकरनगर परिसर में अम्बेडकरनगर में विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस जागरूकता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री रमेश राम त्रिपाठी, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, श्री टी०एन० पाण्डेय, मध्यस्थ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पराविधिक स्वंय सेवक उपस्थित रहे।
जागरूकता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के प्रथम सप्ताह दिनांक 01 अगस्त से दिनांक 07 अगस्त तक मनाया जाता है इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान एवं कार्यों को दृढतापूर्वक एकसाथ करने का समर्थन देता है साथ की इसका उद्देश्य है कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान सम्बन्धी अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना साथ ही कार्यालयों में भी इस प्रकार का माहौल बनाना कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधाएं न हो। डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार नवजात शिशु के लिये पीला गाढ़ा चिपचिपा युक्त मां के स्तन का दूध कोलेस्ट्रम सम्पूर्ण आहार होता है जिसे बच्चे के जन्म के तुरन्त बाद 1 घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिये सामान्यतः बच्चे को 06 महीने की अवस्था तक स्तनपान कराने की अनुशंसा की जाती है शिशु को 6 महीने की अवस्था और 02 वर्ष अथवा उससे अधिक समय तक स्तनपान कराने के साथ-साथ पौष्टिक पूरक आहार भी देना चाहिये स्तन में दूध पैदा होना नैसर्गिक प्रकिया है। स्तनपान से होने वाले फायदे:- स्तनपान कराने से मां एवं शिशु दोनों को फायदा होता है जैसे शिशु के लिये सर्वोत्त्म आहार होता है मां का दूध, मां के दूध में पाया जाने वाला कोलेस्ट्रम शिशु को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है, शिशु को रोगों से बचाता है, शिशु की वृद्धि अच्छे से होती है। मां के दूध में लेक्टोफर्कोमिन नामक तत्व होता है, जो बच्चे की आंत में लौह तत्व को बांध लेता है लौह तत्व के अभाव में शिशु की आंत में रोगाणु नहीं पनप पाते। वैसे तो स्तनपान एक स्वाभाविक प्रकिया है परन्तु पहली बार मां बनने वाली माताओं को शुरू में स्तनपान कराने हेतु सहायता की आवश्यकता होती है। स्तनपान के बारे में सही ज्ञान के अभाव में बच्चों में कुपोषण रोग एवं संक्रमण से दस्त होने की संभावना हो सकती है। रमेश राम त्रिपाठी, चीफ, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, द्वारा उपस्थित पराविधिक स्वंय सेवकों को नये कानून के विषय में जानकारी दी गई एवं बताया गया कि 01 जुलाई 2024 से नये कानून लागू किये गये हैं।
टी०एन० पाण्डेय, मध्यस्थ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा पराविधिक स्वंय सेवको को पारिवारिक मामलों को सुलह समझौता के माध्यम से निस्तारित किये जाने सम्बन्धी जानकारी प्रदान की गई एवं बताया गया कि किसी भी व्यक्ति के ऐसे विवाद जो सुलह समझौता के माध्यम से निस्तारित किये जा सकते हैं के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में उचित कार्यवाही हेतु प्रस्तुत कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा उपस्थित पराविधिक स्वंय सेवकों को विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर जनपद के आमजन के मध्य जागरूकता प्रसारित करने हेतु निर्देशित किया गया एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार निःशुल्क विधिक / सेवा सहायता प्रदान किये जाने हेतु एवं शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार किये जाने हेतु उपस्थित पराविधिक स्वंय सेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।