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जिलाधिकारी द्वारा स्कूल के छोटे बच्चो को चाकलेट दिया गया।जिलाधिकारी द्वारा स्कूली बच्चों से उनके पठन पाठन की जानकारी ली गई। बच्चों द्वारा पठन पाठन के बारे में सकारात्मक उत्तर दिया गया।मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभियान में उन बच्चों को भी दवा खिलाई जाएगी जो स्कूल नहीं जाते है। साथ ही ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी।उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं। उनमें खून की कमी हो जाती है, जिसके कारण बच्चे कमजोर होने लगते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा उन्हें जरूर खिलाएं।एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली अच्छी तरह से पीस कर पानी में मिलाकर खिलाएं। दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली पीस कर पानी के साथ खिलाएं। तीन से 19 साल के बालक-बालिकाओं को एक पूरी गोली चबाकर खानी होगी। इस दौरान मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजकुमार,उप जिलाधिकारी आलापुर, तहसीलदार आलापुर, खण्ड विकास अधिकारी तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।