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अंबेडकर नगर।(आशा भारती नेटवर्क) पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान पर जनपदीय टीम ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर सामाजिक न्याय की मांग किया।
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अयूब द्वारा अनुसूचित जाति के मुसलमानों के आरक्षण का मुद्दा उठाया गया है। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि ब्रिटिश राज में 1936 से शासनकाल के अंत तक अनुसूचित जाति कैटेगरी मेहर धर्म के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया गया था। आजादी के बाद भारत सरकार ने 10 अगस्त 1950 के संविधान में अनुसूचित जाति की जातियों के आरक्षण को तो आगे बढ़ाया परंतु उस आर्डर में हिंदू शब्द जोड़ दिया जो ब्रिटिश राज में नहीं था। ये कांग्रेस द्वारा मुसलमानों के साथ की गई सबसे बड़ी संवैधानिक नाइंसाफी थी। 1956 में सिख धर्म की अनुसूचित जातियों को तथा 1990 में बौद्ध धर्म की अनुसूचित जातियो को भी अनुसूचित जातियों के रिजर्वेशन में शामिल कर लिया गया। 1994 में मुस्लिम संगठनों द्वारा मुस्लिमों को भी अनुसूचित जाति में शामिल कर रिजर्वेशन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जो अभी तक लंबित है। जस्टिस सच्चर कमेटी का 2006 में तथा जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट 2007 में आई। जिसमें मुस्लिमों के हालात अनुसूचित जाति से भी बदतर बताए गए। मुस्लिमों को तत्काल सरकारी सहायता प्राथमिकता के तौर पर प्रदान करने की सिफारिश की गई। जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी ने साफ साफ कहा कि मुस्लिमों की अनुसूचित जातियो को भी अनुसूचित जाति की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। लेकिन तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व वाली भारत सरकार ने कुछ नहीं किया। भाजपा सरकार ने 2023 में के जी बालकृष्णन आयोग गठित कर मुसलमानों के अनुसूचित जातियो का मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया है। डॉ अयूब ने कहा कि कोई भी पार्टी मुसलमानों के साथ न्याय नहीं करना चाहती। सामाजिक न्याय की बात करने वाली तमाम पार्टियां मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझती हैं लेकिन उनके हालात को लेकर उन्हें कोई फिक्र नहीं है।
पिछड़ी जातियों के आरक्षण को आबादी के अनुसार 60% किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि आरक्षण के दायरे को संविदा की नौकरियों व प्राइवेट नौकरियों में विस्तारित किया जाना चाहिए।सामाजिक न्याय के विभिन्न विषयों पर जन आंदोलन करने के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार रहने का आवाहन किया। उक्त मौके पर पीस पार्टी के जिलाध्यक्ष असद सिद्दीकी, चुन्नू सलमानी, मो. फहीम, अमीनुद्दीन, मो. अफ़ज़ल, फैसल आदि मौजूद रहे।