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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) मुख्यमंत्री जी जिस जिले में आप बार-बार दौड़ा कर रहे हैं उसकी हालत यह है कि जिला मुख्यालय से गुजरने वाली तमसा नदी इस वक्त अतिक्रमणकारियों की गिरफ्त में होने के कारण नाले का रूप धारण कर चुकी है। लेकिन धन्य है ऐसे जिले के अधिकारी ना तो उस पर खुद ध्यान देते हैं और ना ही उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हैं। विगत दिनों हिंद मोर्चा समाचार पत्र द्वारा तमसा नदी पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर खबर प्रकाशित किया गया तो राजस्व विभाग और नगर पालिका परिषद अकबरपुर कार्यवाही के नाम पर अतिक्रमणकारी कॉलेज डॉ अशोक कुमार स्मारक पर किसी अधिकारी ने नजर उठा कर देखा तक नहीं। जब इस मामले में नगर पालिका परिषद अकबरपुर की अधिशासी अधिकारी बीना सिंह से बात की गई तो उन्होंने गोल-गोल जवाब देते हुए बताया कि अभी कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है हम देखते हैं जो होगा किया जाएगा। जबकि नगर पालिका परिषद द्वारा महिनों बीत जाने के बाद भी आज तक सिर्फ नोटिस भेज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
जहां उत्तर प्रदेश सरकार नदियों के अस्तित्व को लेकर नए-नए फरमान समय-समय पर जारी कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग हैं जो नदियों का अस्तित्व मिटाने के लिए हर पल धन बल, के बल पर प्रशासन को मिलाकर जबरदस्त अतिक्रमण करने में महारत हासिल कर रहे हैं।
अकबरपुर शहर से गुजरने वाली तमसा नदी इस समय अतिक्रमणकारियों की वजह से नाले का रूप धारण कर चुकी है। तमसा मार्ग पर स्थित डॉक्टर अशोक कुमार स्मारक कॉलेज जिला मुख्यालय पर स्थित उक्त विद्यालय प्रबंधक द्वारा तमसा नदी के अस्तित्व को पूरी तरह से मिटाने का बीड़ा उठा लिया गया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि राजस्व विभाग के अधिकारी व नगर पालिका परिषद भी इतने बड़े अतिक्रमण से अंनभिज्ञ बना हुआ है। इस मामले में जब तहसीलदार सदर बलवीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने खुद को बचाते हुए पूरे मामले को नगर पालिका परिषद अधिशासी अधिकारी बीना सिंह को बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिले के अधिकारियों को नदी की सीमा को चिन्हांकन करके खाली कराने का आदेश सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गया। लेकिन अभी अतिक्रमण से सभी जिला स्तरीय अधिकारी अंजान बने बैठे हैं वही अबकी बरसात के मौसम में बारिश कम होने के कारण जिला मुख्यालय पर अतिक्रमण की पोल नहीं खुल रही है नहीं तो हमेशा की तरह अगर बारिश हुई होती तो अधिकारियों के हाथ पांव फूल जाते। ऐसे में जब तमसा नदी का पानी बड़ते हुए गले से ऊपर आएगा तो यही सरकारी तंत्र सिर्फ रौब झाड़ते हुए अपनी पीठ खुद ही थपथपाता रहेगा। जिनके घरों में बाढ़ का पानी घुसेगा वह बाढ़ से बचने के लिए प्रशासन से गुहार लगाएंगे। आखिर कारण क्या है की जो ऐसे अतिक्रमण को अधिकारियों द्वारा नजर अंदाज किया जाता है। क्या तमसा नदी पर हुए इस प्रकार के अतिक्रमण को राजस्व महकमा भी देखने के बजाय अंधा बना बैठा है।क्या उत्तर प्रदेश सरकार के सारे आदेश इन जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए सिर्फ हवा हवाई ही होते हैं? तमसा नदी के नाम पर ही उस पर जाने वाली सड़क को तमसा मार्ग के नाम से जाना जाता है उक्त मार्ग पर दर्जनों विद्यालय बने हुए हैं जहां पर कई हजार की संख्या में छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और बहुत सारे लोगों का उसी मार्ग से आवागमन होता है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि इतने बड़े अतिक्रमण को जिले के अधिकारी नजर अंदाज क्यों कर रहे हैं। जबकि यही अंबेडकर नगर जिला है जहां कई बार अतिक्रमण के नाम पर जिल्लत की जिंदगी जी रहे गरीबों के झोपड़ी पर भी उत्तर प्रदेश सरकार का बुलडोजर चल चुका है। लेकिन आज वह प्रशासन और बुलडोजर इसलिए सुस्त पड़ा है क्योंकि समर्थ का नहीं दोष गोसाई। यह बात पूरी तरह से सिद्ध हो चुकी है। जिसके सामने जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी खुद बौना साबित हो रहे हैं। आखिरकार प्रशासन की क्या मजबूरी है जो अतिक्रमण होने के बावजूद भी नजर अंदाज करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों का साथ देता है। क्या मुख्यमंत्री जी इस जिले में जिन अधिकारियों को कमान मिली है क्या सिर्फ कागजों में ही वर्क की मॉनिटरिंग होती है और धरातल पर सब कुछ नदारद रहता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान लगना लाजमी है।