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कासगंज। शिवशंकर को पीटने के बाद आरोपित निश्चिन्त थे कि उनके खिलाफ कोर्ट में कोई वकील खड़ा नहीं होगा। कामिल मुस्तफा ने अपने दोनों नामजद बेटों को बचाने के प्रयास भी शुरू कर दिए थे।
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में रविवार (3 सितंबर, 2024) को मोहिनी तोमर नाम की महिला वकील की हत्या कर दी गई है।
संदिग्ध हालातों में उनकी लाश एक नहर से बरामद हुई है। महिला वकील के पति ने पुलिस में FIR दर्ज कर के मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, मुनाजिर रफी के साथ केशव मिश्रा को नामजद आरोपित बनाया है। इन सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। FIR में हत्या के कारणों में एक यह भी बताया गया है कि मोहिनी तोमर ने वकील मुस्तफा कामिल के बेटों की जमानत अर्जी का विरोध किया था। ऑपइंडिया ने इन आरोपों की जमीनी पड़ताल की।
जमानत विरोध पर मिली थी अंजाम भुगतने की धमकी
गुरुवार (5 सितंबर, 2024) को दर्ज अपनी FIR में मोहिनी तोमर के पति ब्रजतेंद्र सिंह ने बताया है कि हत्या से 20-25 दिन पहले उनकी पत्नी काफी परेशान रहती थी। जब ब्रजतेंद्र सिंह इसकी वजह पूछी तो मोहिनी तोमर ने बताया कि उन्होंने मुस्तफा कामिल के बेटों की जमानत का विरोध किया था। इसी वजह से आरोपितों द्वारा पीड़िता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियाँ दी जा रहीं थीं। तब पीड़िता ने अपने पति से आशंका जताई थी कि उनके साथ कभी भी कोई गंभीर घटना घट सकती है।
हिन्दू युवक को बेरहमी से पीटा था कोर्ट में
जिस मामले में मोहिनी तोमर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियाँ दी जा रहीं थी वो घटना मंगलवार (30 जुलाई, 2024) की है। तब कोतवाली नगर में शिवशंकर नाम के एक युवक ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में शिवशंकर ने बताया था कि 30 जुलाई को वो कुछ काम से कासगंज की जिला अदालत गए थे। तभी वकील कामिल मुस्तफा के 2 बेटे हैदर और सलमान वहाँ आ धमके। इनके साथ वकीलों की ड्रेस में 10-15 लोग और थे। इन सभी ने मिल कर शिव शंकर को गंदी-गंदी गालियाँ देनी शुरू कर दी।
जब शिव शंकर ने इसका विरोध किया तो हैदर और सलमान ने साथ आए साथियों सहित उनकी पिटाई शुरू कर दी। ये सभी हमलावर पीड़ित को पीटते हुए CJM कोर्ट तक ले गए। इस पिटाई से शिव शंकर की टी शर्ट फट गई। सीने और गर्दन पर कई वार किए जाने से शिवशंकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि अगर अदालत में मौजूद पुलिसकर्मी न पहुँचते तो कामिल मुस्तफा के दोनों बेटे अपने साथियों के साथ मिल कर उनकी हत्या कर देते। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।
नोच ली थी शिवशंकर की शिखा भी
पीड़ित ने अपनी शिकायत में आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की माँग की थी। ऑपइंडिया द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, हमलावरों ने शिवशंकर की शिखा तक नोच डाली थी और उन्हें सार्वजनिक तौर पर बुरी तरह से अपमानित भी किया था। तब पुलिस ने इस शिकायत पर हैदर, सलमान को नामजद करते हुए 10-15 अज्ञात अधिवक्ताओं पर FIR दर्ज कर ली थी। इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191 (2), 115 (2), 352 और 351 (3) के तहत केस दर्ज कर लिया था।
मोहिनी तोमर ने उठाया था शिव शंकर को न्याय दिलाने का बीड़ा
ऑपइंडिया द्वारा जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, शिवशंकर को पीटने के बाद आरोपित निश्चिन्त थे कि उनके खिलाफ कोर्ट में कोई वकील खड़ा नहीं होगा। इस बाबत अदालत में दबदबा रखने वाला सीनियर एडवोकेट कामिल मुस्तफा ने अपने दोनों नामजद बेटों को बचाने के प्रयास भी शुरू कर दिए थे। तब महिला वकील मोहिनी तोमर ने खुल कर शिवशंकर का साथ दिया था। बताया जाता है कि मोहिनी के प्रयास कामिल मुस्तफा के दाँव-पेंच पर भारी पड़े थे।
शिवशंकर की पिटाई के बाद कासगंज कोतवाली में 31 जुलाई 2024 को दर्ज FIR नंबर 507/2024 में तब एडवोकेट कामिल मुस्तफा के बेटे सलमान और हैदर को जेल जाना पड़ा था। जिला अदालत में इन दोनों आरोपितों की जमानत का विरोध वकील मोहिनी तोमर ने किया था। मोहिनी के पति का आरोप है कि इसी वजह से न सिर्फ कामिल मुस्तफा बल्कि उनके बेटे भी अंदर ही अंदर खुन्नस खा रहे थे।
फ़िलहाल महिला अधिवक्ता की हत्या के आरोप में कासगंज पुलिस ने मुस्ताफा कामिल, उनके बेटे हैदर मुस्तफा, असद मुस्तफा और सलमान मुस्तफा सहित सभी 6 नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। कासगंज की पुलिस अधीक्षक अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।