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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 26-09-2024 को बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या में उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं शेल्टर होम, अयोध्या, बाल सम्प्रेक्षण गृह का निरीक्षण माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देशानुसार गठित निरीक्षण समिति द्वारा किया गया। इस शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्रीमती, ज्योत्सना मणि यदुवंशी, अपर सिविल जज, (सी०डि०) / ए०सी० जे०एम०, श्री अभिषेक सिंह, सिविल जज, जू०डि०/ जे०एम०, टाण्डा, प्रभारी अधीक्षक बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या, जि०वि० से०प्रा० के कर्मचारी, पी०एल०वी एवं अन्य बाल अपचारियों द्वारा प्रतिभाग किया
गया। शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, ने बताया कि कोविड-19 में जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं उनके जीवन को संवारने हेतु उ०प्र० सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारम्भ किया गया है। योजना के अन्तर्गत 0 से 10 वर्ष के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में 4,000/- रू० माह दिये जायेंगे इसके साथ ही यह शर्त होगी कि औपचारिक शिक्षा के लिये बच्चे का पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो समय से टीकाकरण कराया गया है और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा हो इसके अलावा जो बच्चे पूरी तरह अनाथ हो गये हो और बाल कल्याण समिति के आदेश के तहत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराये गये हो उनको कक्षा 06 से 12 वीं तक की शिक्षा के लिये अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जायेगा 11 से 18 वर्ष तक के बच्चों की कक्षा 12वीं तक की निःशुल्क शिक्षा के लिये अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवसीय विद्यालयों में भी प्रवेश कराया जा सकेगा। ऐसे वैध संरक्षक को तीन माह की अवकाश अवधि के लिये बच्चों की देख-भाल के लिये प्रतिमाह 4,000/- रू० की दर से 12,000/- प्रतिवर्ष खाते में दिया जायेगें यह राशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जायेगी। यदि बच्चे के संरक्षक इन विद्यालयों में प्रवेश दिलाना चाहते हैं तो बच्चों की देख-रेख और पढ़ाई के लिये उनको 18 वर्ष का होने तक कक्षा 12 की शिक्षा पूरी होने तक 4,000/- रू० की धनराशि दी जायेगी बशर्ते बच्चे का किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने तक शादी के लिये 1,01,000/- रू० दिये जायेंगे।
शिविर के दौरान श्रीमती ज्योत्सना मणि यदुवंशी, अपर सिविल जज (सी०डि०) / ए०सी० जे०एम०, जनपद न्यायालय, अम्बेडकरनगर द्वारा आनलाईन शतरंज के खेल में प्रतिभाग किया गया जिसमें सम्मानित न्यायिक अधिकारी महोदया विजयी रहीं। न्यायिक अधिकारी महोदया द्वारा उपस्थित सभी किशोर अपचारियों को खेलों के महत्व एवं लाभ के प्रति जागरूक किया गया एवं उनका उत्साहवर्धन किया गया।
शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या की स्वच्छता, किशोर अपचारियों के खाने पीने एवं उनके स्वास्थय के सम्बन्ध में जानकारी ली गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये एवं निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज/सचिव महोदय द्वारा किशोर अपचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनी गई एवं पूछा गया कि क्या सभी अपचारियों के पास अधिवक्ता है अथवा नहीं एवं यदि किसी अपचारी के पास अधिवक्ता नहीं है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर अपनी पैरवी करवा सकते हैं।