इस न्यूज को सुनें
|
स्कॉर्पियो को कब्जे में न लेने पर पत्रकार कर सकते हैं- धरना प्रदर्शन
गिरजा शंकर गुप्ता/अंबेडकर नगर।(आशा भारती नेटवर्क) एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था पर हमेशा पुलिस के द्वारा कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश/आदेश दे रहीं हैं।
वहीं अम्बेडकरनगर जनपद में पुलिस द्वारा पत्रकारों के प्रति जागरूक न होना अपने आप में चौथे स्तंभ की हत्या करने जैसा कृत्य होता दिखाई पड़ रहा हैं।
ज्ञातव्य हो की मंगलवार 8 अक्टूबर 2024 की दोपहर में अनियंत्रित स्कॉर्पियो चार पहिया गाड़ी ने पत्रकार रविंद्र वर्मा एवं प्रमोद वर्मा को पीछे से रौंदने का प्रयास किया।
लेकिन मौके पर चोटहिल पत्रकार को त्वरित्य अन्य पत्रकारों को जानकारी होने पर मौके स्थल पर पहुंच कर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने उनका उपचार करना सुरु किया।
आपकों बता दें कि अनियंत्रित स्कॉर्पियो गाड़ी द्वारा जानलेवा हमला करने के प्रयास करने के मामले में भारी संख्या में पत्रकारों के बीच पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के ऊपर भारी आक्रोश व्यक्त किया गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय के शिव बाबा रोड़ के पास पत्रकार रविंद्र वर्मा, प्रमोद वर्मा को पीछे से एक एजंसी से दूसरी एजंसी को ट्रांसफर हो कर आ रही बिना रजिस्ट्रेशन की स्कॉर्पियो गाड़ी ने जोरदार टक्कर बाइक में मार दी इस दौरान दोनों पत्रकारों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनका इलाज चल रहा हैं।
इस घटना की जानकारी होने के पश्चात पत्रकारों के ऊपर मानो पहाड़ की स्तिथि जैसी हालात बेहद दुखद समाचार के रूप में देखने को मिली और भारी संख्या में पत्रकारों ने स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति जागरूक न होने की स्थिति में गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया
जिसकी शिकायत पत्रकार ने कोतवाली अकबरपुर पुलिस को तहरीर दे कर गाड़ी और चालक के ऊपर मुकदमा दर्ज कराने के के पश्चात अभी तक वहां को कोतवाली पुलिस द्वारा अपने कब्जे में नहीं लिया गया जिससे पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है।
वही पत्रकारों का आरोप है कि अमित ऑटो सेल्स द्वारा पत्रकारों पर हमला करने वाली स्कॉर्पियो गाड़ी को जबरन एजंसी ले जाया गया। और दोनो पत्रकारों का इलाज जिला अस्पताल में चलने के दौरान अन्य संवेदना व्यक्त करने वाले साथी पत्रकारों को जिला अस्पताल के गार्ड ने अभद्रता करते हुए रोकने का भी काम किया गया।
उक्त कृत्य पत्रकारों के अधिकारों का हनन करने जैसा मामला है एक पत्रकार जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर जनहित लोकहित में खबरों का आदान प्रदान करता है और उनकी खबरों के मध्यम से तमाम सुधार एवं खबरों को उजागर करने के बाद कार्यवाही की जाती हैं और इन्हीं देश ले चौथे स्तंभ की सुरक्षा के लिए शासन प्रशासन सजग नहीं है तो आम आदमी का तो इससे बुरा हाल होना लाजमी है।
पत्रकारों के ऊपर हुए जानलेवा हमले में उत्तर प्रदेश युवा पत्रकार प्रेस क्लब अम्बेडकरनगर के जिला अध्यक्ष अर्पित सिंह श्रीवास्तव एवं टांडा तहसील के अध्यक्ष श्याम शर्मा, भारी संख्या में पत्रकार ज्ञान प्रकाश पाठक उर्फ पप्पू पाठक, हरीलाल प्रजापति, संतोष सिंह, सौरभ सिंह, के.के उपाध्याय, अजय उपाध्याय, रवि श्रीवास्तव, राजेश सिंह, ओमकार शुक्ला , प्रेम नारायण तिवारी अखिलेश दुबे शुभम पांडे लालमन पांडेय अमित सिंह रविंद्र दुबे राजा उत्कर्ष प्रियदर्शी काजू तिवारी अजय उपाध्याय आदि ने दुख प्रकट करते हुए कहा की अगर पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था के प्रति जनपद प्रशासन सजग नहीं होगा तो बड़ा प्रदर्शन कर नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से चौथे स्तंभ की सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने और रखवाने के लिए गोहर लगा कर अपनी ताकत का एहसास दिलाया जायेगा।