भारत में लगभग 60 से 70 मिलियन लोग सामान्य मानसिक विकारों से पीड़ित हैंं- भारतेन्दु गुप्ता अपर जिला जज
गिरजा शंकर गुप्ता/अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में राम सुलीन सिंह जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 10 अक्कोटूबर को विश्व मानसिक स्वास्थय दिवस के अवसर पर संयुक्त जिला चिकित्सालय अम्बेडकरनगर में विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर व स्वास्थय जांच शिविर का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, द्वारा संयुक्त जिला चिकित्सालय में आयोजित चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया गया एवं चिकित्सा शिविर में उपस्थित आमजन अपनी शारीरिक जांच भी करवाई गई। इस विधिक साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, डा० राजकुमार, सी०एम०ओ०, अम्बेडकरनगर, डा० ओमप्रकाश, सी०एम०एस०, जिला चिकित्सालय, डा० रामानन्द, ए०सी०एम०ओ०, डा० आशीष सिंह, डिप्टी सी०एम०ओ०, डा० अब्दुल हलीम, मानसिक रोग विशेषज्ञ, डा० रीना राजभर, एम०डी० तथा जि०वि० से० प्रा० के कर्मचारी, पी०एल०वी० एवं चिकित्सालय के कर्मचारीगण व आमजन द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि हमारे जीवन में मानसिक स्वास्थय बेहद महत्वपूर्ण है, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्ष 2023 की थीम मानसिक स्वास्थय एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है” थी और वर्ष 2024 के लिए इसकी थीम है “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय है” यह विषय व्यवसायों के लिए मनोसामाजिक कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि कर्मचारियों के ऊपर तनावपूर्ण चिंताजनक और अवसादग्रस्त कार्यस्थल का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि तनाव चिंता और अवसाद वैश्विक उत्पादकता और कर्मचारी कल्याण को प्रभावित करते हैं। विश्व भर में 5 में से 1 व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा है इसलिए व्यवसायों को अधिक स्वस्थ अधिक समावेशी कार्यबल के लिए मनोसामाजिक वातावरण को बढ़ावा देना चाहिए तथा तनाव को दूर करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य सामान्य कल्याण का एक अभिन्न अंग है और हर पेशेवर क्षेत्र में इसकी वकालत की जानी चाहिए। सार्वभौमिक मानव अधिकार भौगोलिक और सांस्कृतिक संदर्भों में प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सहायता पाने का अधिकार है। भारत में लगभग 60 से 70 मिलियन लोग सामान्य मानसिक विकारों से पीड़ित हैं जो देखभाल के अभाव के कारण और भी बदत्तर हो जाते है एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के पूर्वानुमान के अनुसार विश्व में लगभग 4 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवन में किसी न किसी समय मानसिक स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है इसलिए यह चुनौती वास्तव में लोगों को बहुत व्यापक रूप से प्रभावित करती है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये हमें अपनी जीवन शैली में उचित बदलाव करना चाहिये, आवश्यकता होने पर मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिये, व्यायाम, योगा आदि करना चाहिये, स्वस्थ भोजन करें, पर्याप्त नींद लें, नकारात्मक विचारों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिये।