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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) कटेहरी उपचुनाव में बुधवार को मतदान सकुशल संपन्न हो गया। बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले मतदाता इस बार फर्स्ट डिवीजन नहीं आ सके। अधिक से अधिक मतदाताओं को बूथों तक ले जाने की योजना बनाई तो गई। लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। उधर, मतदाताओं का जो रुझान सामने आया उसमें बसपा मुख्य लड़ाई से बाहर होती दिखी।
सत्तारूढ़ भाजपा व सपा के बीच ही विधायक बनने की सीधी जंग देखी। अलबत्ता, बसपा का प्रदर्शन कमल व साइकिल का संतुलन बिगाड़ सकता है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार बसपा ने अपने पारंपरिक वोटों के साथ ही जातिगत समीकरण को साधा तो सपा का गणित बिगड़ सकता है।
कटेहरी के प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव में मतदान से पहले की स्थिति कुछ और थी। तब मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था। संभावना थी कि बसपा प्रत्याशी अमित वर्मा अपने सजातीय मतों में सेंध मारी कर सपा को तगड़ी चोट देंगे। ऐसा फिलहाल आमतौर पर होता नहीं दिखा। एक संभावना यह भी थी कि भाजपा ने सवर्ण दावेदारों को एक सिरे से नकार दिया तो इससे नाराज कुछ सवर्ण मतदाता युवा प्रत्याशी अमित वर्मा का साथ दे सकते हैं। मतदान के दौरान यह संभावना भी शून्य होती दिखी। ऐसे में कटेहरी, भीटी समेत टांडा ब्लॉक के हिस्से में भाजपा व सपा के बीच ही सीधी लड़ाई दिखी।