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एक ही व्यक्ति को दो नामों से पहचान कर दे रहा बयान
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) जिले के कोतवाली अकबरपुर में दर्ज मुकदमा 514/2021 में तेरह अभियुक्त गण हैं मामला उपनिबंधक कार्यालय अकबरपुर में लापता व्यक्ति के कीमती भूमि का विक्रय लापता व्यक्ति के स्थान पर सभापति का दूधनाथ बनकर कीमती भूमि के विक्रय सभापति को फोटो दूधनाथ के रूप में बैनामा दस्तावेज पर लगाकर करना और विवेचना के दौरान दूधनाथ का कोई कागजी साक्ष्य न उपलब्ध कराना केवल गवाह के बयान पर संतुष्टि प्रदान कर अभियुक्त गणों का बचाव करना उन्हीं गवाहों में एक है राजेश विश्वकर्मा पुत्र बुधिराम जो उक्त मुकदमे में विवेचना के दौरान इस आशय का शपथपत्र दिये है कि बैनामा दस्तावेज पर जो फोटो लगा है वह दूधनाथ पुत्र रामचरित्र का है जबकि यही राजेश विश्वकर्मा उसी फोटो और व्यक्ति को मुकदमा संख्या 296/2023 थाना सम्मनपुर के जमानत के समय दिनांक 11 नवम्बर 2024 को जिला एवं सत्र न्यायालय में आत्मसमर्पण प्रार्थना पत्र पर लगे फोटो को सभापति पुत्र दीनदयाल बताकर जमानत लिये और यही नहीं कजपुरा ग्राम प्रधान अफसाना बानों भी विवेचना के दौरान बैनामे में लगे सभापति के फोटो को दूधनाथ बताकर बयान देना और उसी व्यक्ति और फोटो को मनरेगा में सभापति पुत्र दीनदयाल की संतुष्टि देकर मनरेगा की मजदूरी देने में वर्तमान ग्राम सचिव व ग्राम प्रधान का अहम रोल है जबकि विवेचना के दौरान पूर्व ग्राम सचिव शिवाकांत मिश्र ने स्पष्ट लिखा है कि दूधनाथ पुत्र रामचरित्र निवासी ग्राम कजपुरा का परिवार रजिस्टर में पूर्व से आज तक कोई रिकार्ड नहीं है फिर भी बिना किसी कागजी साक्ष्य के एक तरफ उसी व्यक्ति को दूधनाथ बताना और दूसरी तरफ सभापति बताना यह एक गंभीर अपराध अपने आप में साबित होता है और यही नहीं उक्त मुकदमे 514/2021 कोतवाली अकबरपुर में उस तेरह अभियुक्तों में मिट्ठू लाल पुत्र जगमोहन अभियुक्त हैं जो कि उस बैनामे में सभापति को दूधनाथ बनाकर साथ में एक ही दस्तावेज पर विक्रय करना और दूसरी तरफ सभापति पुत्र दीनदयाल बताकर जमानत लेना यह एक सोची समझी रणनीति के तहत इन भूमाफिया गिरोह के लोगों द्वारा आपस में मिल मिलाकर कोई बड़ी घटना करने की फिराक में बचाव कर षड्यंत्र रचा जा रहा है जिसका संरक्षण अम्बेडकर नगर राजस्व एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जानबूझकर किया जा रहा है।इतना सभी साक्ष्य होने के बाद भी कार्यवाही न होना अपने आप में यह संदेह उत्पन्न कर रहा है कि या तो इन अभियुक्तों को अनैतिक लाभ लेकर जानबूझकर संरक्षण दिया जा रहा है या तो फिर किसी राजनेता के प्रभाव से इनको छूट मिल रहा है इस सम्बन्ध में यदि कोई कार्यवाही न हूई तो वादी मुकदमा सत्यम श्रीवास्तव पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलकर सारे साक्ष्यों को प्रस्तुत कर अम्बेडकर नगर प्रशासन द्वारा बिना किसी साक्ष्य के किये जा रहे अभियुक्तों के बचाव के बाबत कार्यवाही कराये जाने हेतु प्रस्तुत होना पड़ सकता है।