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अंबेडकर नगरः (आशा भारती नेटवर्क) जिला एवं सत्र न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में समाजसेवी सत्यम श्रीवास्तव ने 156/3 वाद दायर किया जिसमें मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर 18 नवंबर 2021 को कोतवाली अकबरपुर में 13 अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 514/2021 धारा 419,420,467,468,471,472 व 506 में दर्ज हुआ जिसमें अभियुक्तों नें गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला जज कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया तो इसमें उक्त मुकदमे के विवेचक रामबली सिंह यादव ने जो कमेंट रिपोर्ट/आपत्ति जिला जज कोर्ट में दाखिल किया उसमें अभियुक्तों के किये गुनाह का जिक्र करते हुए विरोध किया तथा जिला जज ने विवेचक रामबली सिंह यादव के उक्त आपत्ति रिपोर्ट एवं गुनाह को सही देखते हुए अभियुक्तों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिये इसके बाद उक्त मुकदमे के वादी समाजसेवी सत्यम श्रीवास्तव ने साक्ष्य हेतु जनसूचना आवेदन से जो प्रमाणित साक्ष्य प्राप्त किया उसकी छायाप्रति एवं अग्रिम जमानत खारिज के नकल की छायाप्रति संलग्न कर पंजीकृत डाक से प्रेषित किया पर विवेचक को अभियुक्तों का बचाव करना था तो साक्ष्यों को न संलग्न किया गया और न ही केस डायरी में उसका कहीं जिक्र किया गया क्योंकि विवेचक रामबली सिंह यादव को तो हरिश्चंद्र, दिनेशचंद्र, रामसहाय, रघुनाथ, मिट्ठू लाल, रमेशचंद्र, शिवपूजन,विमला देवी, आज्ञाराम,अभियुक्तों का करना था बचाव जबकि वादी मुकदमा सत्यम श्रीवास्तव ने की बार पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को शपथपत्र और शिकायती प्रार्थना पत्र पंजीकृत डाक से इस आशय का प्रेषित किया था कि विवेचना को स्थानांतरित कर किसी अन्य से विवेचना उक्त मुकदमे की करायी जाये क्योंकि विवेचक रामबली सिंह यादव अभियुक्तों से अनैतिक लाभ लेकर उनको बचाने का प्रयास कर रहे हैं, पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने उक्त शपथपत्र और शिकायती प्रार्थना पत्र पर संज्ञान नहीं लिया और वादी मुकदमा सत्यम श्रीवास्तव के बातों को क्षेत्राधिकारी सदर अकबरपुर और पुलिस अधीक्षक अम्बेडकर नगर ने न सुनी और हुआ वहीं जिसका अंदाजा पहले से ही लगाया गया वादी मुकदमा ने सारे कागजी साक्ष्य प्रमाणित उपलब्ध कराया उसको नजरंदाज कर केवल अभियुक्तों के और अभियुक्तों को संरक्षण देने वाले लोगों के मौखिक बातों को मानते हुए उपनिरीक्षक रामबली सिंह यादव ने किया गया अभियुक्तों का बचाव जिससे अभियुक्तगण का मनोबल अब इतना बढ़ गया है कि कभी भी और कहीं वादी मुकदमा सत्यम श्रीवास्तव व उनके परिवार को जान माल का खतरा उत्पन्न कर सकते हैं इससे वादी मुकदमा सत्यम श्रीवास्तव ने कहा है यदि समयान्तर्गत साक्ष्यों को शामिल कर पुनः विवेचना प्रारम्भ कर अभियुक्तों को उनके किये की सजा दिलाये जाने की कार्यवाही अम्बेडकर नगर पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त मुकदमे में न की गई तो मजबूरन सत्यम श्रीवास्तव को आईजी और डीजीपी तथा मुख्यमंत्री से मिलकर उक्त मुकदमे में कार्यवाही के लिए याचना करना पड़ सकता है ।