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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024-25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 19.12.2024 को बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या, में किशोर न्याय, बाल अधिकार, बाल श्रम निषेध, उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना विषयों पर श्री मारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह एवं नारी शरणालय अयोध्या का निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्रीमती ज्योत्सना मणि यदुवंशी, अपर सिविल जज सी०वि०/ए०सी० जे०एम, श्री प्रदीप कुमार, लिपिक, जि०वि० से०प्रा० तथा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या से केयर टेकर एवं बाल अपचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा किशोर माना जाता है किशोर न्याय प्रणाली का मकसद सार्वजनिक सुरक्षा बनाये रखना, कौशल विकास, पुनर्यास और उपचार की जरूरतों को पूरा करना होता है, किशोर न्याय प्रणाली वयस्क आपराधिक न्याय प्रणाली से ज्यादा पुनस्र्थापनात्मक दृष्टिकोण अपनाती है। किशोर न्याय प्रणाली के अनुसार कानून का उल्लंघन करने वाले किशोर के विरूद्ध आयु, लिंग जाति, धर्म आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा। किशोरों को कानन के अंतर्गत पंहुच, अवसर और चिकित्ता में समानता की गांरटी दी जायेगी, किशोर की गोपनीयता को सभी प्रकार से संरक्षित किया जायेगा। अपर जिला जज/सचिव महोदय द्वारा बाल अधिकारों पर जानकारी देते हुये बताया गया कि बच्चों को जीवन का अधिकार, भोजन, पोषण, स्वास्थय, विकास, शिक्षा, पहचान, नाम, राष्ट्रीयता, परिवार, मनोरंजन, सुरक्षा का अधिकार है। भारत के कुछ बाल अधिकारों के अंतर्गत बच्चों को आगे बढ़ाने की पहली जिम्मेदारी मां बाप दोनों की है। राज्य इस काम में अभिभावक को सहारा देगा। राज्य और माता पिता बच्चों के विकास के लिये उचित प्रयास करें, बच्चे को उच्चतम स्वास्थय एवं चिकित्सीय सुविधायें पाने का अधिकार है। प्रत्येक राज्य हर बच्चे के प्रारम्भिक स्वास्थय पर विशेष ध्यान देगा और शिशुओं की मृत्यु दर कम करने पर विशेष तौर पर काम करेगा। प्रत्येक बच्चे को अच्छा जीवन स्तर पाने का अधिकार है। बच्चे का पर्याप्त मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक, नैतिक और सामाजिक विकास आदि है बच्चों के विकास एवं हित के लिये सरकार द्वारा बहुत सी योजनायें भी चलायी जा रही हैं। साथ ही उक्त साक्षरता शिविर में न्यायिक अधिकारी महोदय द्वारा उपस्थित बच्चों को बाल श्रम निषेध तथा उ०प्र० मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के सम्बन्ध में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
इसके अतिरिक्त अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा बताया गया कि यदि किसी को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता या जानकारी चाहिए तो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित टोल फ्रि हेल्पलाईन नम्बर-15100 पर कॉल कर तत्काल विधिक सहायता व जानकारी प्राप्त कर सकते है या राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा संचालित एल०एस०एम०एस० पोर्टल के माध्यम से भी आप अपनी समस्याओं
का निदान प्राप्त कर सकते है।
शेल्टर होम्स निरीक्षण समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह, अयोध्या की स्वच्छता, किशोर अपचारियों के खाने पीने एवं उनके स्वास्थय के सम्बन्ध में शिक्षा तथा मनोरंजन के साधनों पर जानकारी ली गई एवं हैं। बढ़ती हुई सर्दी से बच्चों को बचाव के लिये गर्म पानी की व्यवस्था करने एवं गर्म कपड़े व रजाई कम्बल की व्यवस्था किये जाने एवं उनकी अस्वस्थता पर अविलम्ब चिकित्सा सुविधा दिलवाये जाने हेतु निर्देशित करते हुये आवश्यक निर्देश दिये गये एवं अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा किशोर अपचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनी गई एवं पूछा गया कि क्या सभी अपचारियों के पास अधिवक्ता है अथवा नहीं एवं यदि किसी अपचारी के पास अधिवक्ता नहीं है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर अपनी पैरवी करवा सकते।