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अंबेडकर नगर: (आशा भारती नेटवर्क) स्थानीय थाना क्षेत्र में तथाकथित पत्रकार पुलिस की मिलीभगत से जमकर दलाली का धंधा कर रहे हैं। यहां के कुछ तथाकथित पत्रकार बेशर्मी का चादर ओढ़कर सुबह होते ही थाने पर पहुंच जाते हैं और शाम तक पुलिस की पनाह में बैठकर वहां चाय की चुस्कियां लेते हैं। साथ ही रुपये डकारने वाले मामले की डीलिंग भी होती है।मालीपुर थाने की बात करें तो यह थाना तथाकथित पत्रकारों से कभी खाली नहीं रहता था।यहां कुछ कथित पत्रकार ऐसे हैं जो सुबह की चाय थाने में पीते हैं और दोपहर का लंच भी यही पर करते थे। इनकी पत्रकारिता दलाली की बुनियाद पर टिकी रहती है। चर्चा के मुताबिक कुछ तो नामी बैनर के पत्रकार भी थे जो सुबह की पहली किरण के साथ ही थाने में प्रकट होकर वहां की कुर्सी पर आसीन हो जाते थे और तब तक नहीं हिलते जब तक चाय पानी हलक के नीचे नहीं उतर जाता था।सूत्रों के मुताबिक पुलिस से मिलकर ये तथाकथित पत्रकार, पत्रकारिता की आड़ में दलाली के जरिये रुपये डकारने का घृणित खेल खेलते हैं। शायद यही वजह है कि इनके खाओ और खाने दो की नीति से पुलिस भी खुश रहती है। बात थाने पर खत्म नहीं होती, बल्कि इनका अंगद रूपी पैर दोपहर के बाद थाने से हटकर जलालपुर थाने पर भी जम जाता है। जहां इनके लंच की व्यवस्था होती है।लंच में विभिन्न प्रकार के फल, भूजा, समोसा-मटर, पकौड़ी तथा लड्डू आदि होता है। इस तरह एक तरफ जहां पत्रकारिता जगत शर्मसार हो रहा है, वहीं दूसरी ओर कानून के रखवाले कानून की गरिमा को दागदार करने की कवायद पूरी कर रहे हैं। ये समझते हैं कि कोई कुछ नहीं समझता, मगर इन्हें कौन समझाए कि ये पब्लिक है, सब जानती है ?