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आशा भारती नेटवर्क
संवाददाता — प्रिन्स शर्मा
आलापुर
अम्बेडकरनगर– जिले के कद्दावर बसपा नेताओं में शुमार सुनील मौर्या ने नए साल के पहले दिन ही बसपा को तगड़ा झटका दे दिया। उन्होंने नए साल पर बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए हाथी की सवारी छोड़ दिया। जिले की राजनैतिक हल्के में उनके अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।नए साल का पहला दिन बुधवार जिले में बहुजन समाज पार्टी के लिए तगड़ा झटका लेकर आया। बसपा के कद्दावर और दिग्गज नेताओं में शुमार सुनील मौर्या ने बहुजन समाज पार्टी के जिला कमेटी के पदाधिकारियों पर दलितों और पिछड़ा वर्ग के लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सुनील मौर्या ने इस्तीफा देते हुए कहा कि बसपा में जिला स्तर के ऊपर तो ठीक है लेकिन जिले में बसपा के स्थानीय से लेकर जिले स्तर तक दलितों और पिछड़ा वर्ग के लोगों की उपेक्षा की जा रही है। जिससे खिन्न होकर वे भारी मन से बसपा को छोड़ रहे हैं।बसपा के दिग्गज नेता सुनील मौर्या ने अकेले अपने दम खम और रणनीति के बल पर जिले में लगातार हार का स्वाद चख रही बसपा को निकाय चुनाव में पूरे अयोध्या मंडल में एकमात्र सीट जहांगीरगंज नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत दिलाई थी। यहां पर उन्होंने आर्थिक रूप से बेहद कमजोर सुनीता देवी को न केवल बसपा से टिकट दिलवाया बल्कि उन्हें अपने खर्च से चुनाव लड़वाया और जीत दिलाई।वरिष्ठ बसपा नेता सुनील मौर्या ने जिले की राजनीति में पिछले छह सालों में तेजी से अपनी मिलनसार व्यवहार और मृदुल स्वभाव से जगह बनाई है। बसपा से त्याग पत्र देने के बाद उनके अगले कदम को लेकर जिले भर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। उन्होंने कहा कि वे कोई भी निर्णय अपने समर्थकों से विचार विमर्श करने के बाद उठाएंगे। राजनीतिक हलकों में उनके भाजपा का दामन थामने की चर्चा है।