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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संपत्ति के रजिस्ट्री और स्टाम्प ड्यूटी के मानकों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब प्रदेश के सभी जिलों में सर्किल रेट के निर्धारण में कोई भी मनमानी नहीं होगी। राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है कि हर जिले में एक समान मानकों के आधार पर सर्किल रेट तय किए जाएंगे, ताकि संपत्ति की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर एक बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने सर्किल रेट के पुनरीक्षण के संबंध में स्टांप एवं पंजीयन विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में सर्किल रेट के निर्धारण में होने वाली विसंगतियों पर गहरी चिंता जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “एक्सप्रेसवे से जुड़े एक गांव का सर्किल रेट दूसरे पास के गांव से क्यों ज्यादा या कम है?” उन्होंने इस विसंगति को तुरंत दूर करने का निर्देश दिया और कहा कि सभी जिलों में सर्किल रेट के निर्धारण के लिए समान मानक अपनाए जाएं।
सर्किल रेट में समान मानक
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब सर्किल रेट का निर्धारण एक समान मानकों के आधार पर किया जाएगा तो इससे किसी भी प्रकार की मनमानी की संभावना समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही, संपत्ति के रजिस्ट्री और खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। यह कदम न केवल संपत्ति कारोबारियों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी राहत का कारण बनेगा, क्योंकि अब वे किसी भी संपत्ति के लेन-देन में भिन्न-भिन्न दरों के कारण परेशान नहीं होंगे।
आगे की प्रक्रिया और निगरानी
मुख्यमंत्री ने इस पुनरीक्षण प्रक्रिया की निगरानी के लिए विशेष अधिकारियों की तैनाती करने का भी सुझाव दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर जिले में सर्किल रेट का निर्धारण समान रूप से किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने विभाग को यह निर्देश भी दिए कि किसी भी तरह की असमानता या विसंगति को समाप्त करने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएं। इस कदम से राज्य सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है, क्योंकि एक समान सर्किल रेट के चलते संपत्ति लेन-देन पर बेहतर नियंत्रण रहेगा और स्टाम्प ड्यूटी का सही तरीके से संग्रहण किया जाएगा।