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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जमीन संबंधित कामों को पूरी तरह से डिजिटलीकरण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब यूपी में जमीन नामांतरण से जुड़े सभी प्रकार के मामले ऑनलाइन होंगे।
इस पहल के तहत अब अविवादित नामांतरण से जुड़े 34 प्रकार के प्रकरण ऑनलाइन किए जाएंगे। इसके बाद, इन मामलों को लंबित नहीं रखा जाएगा, और संबंधित निर्देश एक सप्ताह के भीतर जारी कर दिए जाएंगे।
इसके अलावा, यूपी में खतौनी (राजस्व रजिस्टर) का डिजिटलीकरण भी किया जा रहा है, ताकि लोगों को जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज आसानी से ऑनलाइन प्राप्त हो सकें। जमीन से संबंधित मामलों के तीन मुख्य आयाम होते हैं, जिनमें खतौनी, जमीन का प्रकार और सजरा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विजन है कि जन सामान्य की समस्याओं को समाप्त किया जाए, और इसके लिए खतौनी में किसी भी प्रकार की गलती न हो, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नामांतरण की प्रक्रिया में भी सुधार किया जा रहा है। वर्तमान में, नामांतरण में वारिसों का नाम दर्ज करने में 90 दिन का समय लगता है, लेकिन अब इस प्रक्रिया को 90 दिन से अधिक समय तक पेंडिंग नहीं रखा जाएगा। इस बदलाव से लोगों को नामांतरण के मामलों में होने वाली देरी से निजात मिलेगी।
ऑनलाइन प्रक्रिया से मिलेगी राहत:
राजस्व विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि अब स्टांप रजिस्ट्रेशन से संबंधित सभी कार्यों को भी ऑनलाइन किया जाएगा। सरकार ने संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे स्टांप रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी जानकारी और प्रक्रियाओं को अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं। इसके अलावा, सरकार ने यह भी कहा है कि 60 प्रतिशत जमीन पर तहसील स्तर पर सिर्फ इसलिए समय लिया जाता है कि लोग आपत्ति दर्ज करना चाहते हैं। अब इसके लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश लागू किए जाएंगे, जिससे जनता को अधिक सुविधा मिल सके।