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- अपर जिला जज / सचिव भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता द्वारा कारागार का निरीक्षण एवं जेलर को दिये गये जरूरी निर्देश।
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2025-26 के अनुपालन में चन्द्रोदय कुमार, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 11.04.2025 को जिला कारागार अम्बेडकरनगर में अम्बेडकरनगर में नशा उन्मूलन (नशे के दुष्प्रभाव एवं तम्बाकू निषेध) बन्दियों को दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता, बी०एन०एस०एस० की धारा 479 के सम्बन्ध में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री आलोक सिंह, जेलर, श्री सूर्यमान सरोज, डिप्टी जेलर, श्री तेजवीर सिंह, डिप्टी जेलर डा० दिग्विजय प्रताप, चिकित्सक, कारागार चिकित्सालय एवं जि०वि०से० प्रा० के कर्मचारीगण तथा जिला कारागार अम्बेडकरनगर के कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बन्दियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करते हुये बताया कि नशा एक अभिशाप है एवं ऐसी बुराई है. जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है, नशे के लिए व्यक्ति शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा. गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान जैसे घातक पदार्थों का उपयोग करता है, यह नशीले पदार्थ व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही उसके सामाजिक वातावरण को भी प्रदूषित करते हैं जिससे वह अपराध के रास्ते पर भी पंहुच जाता है, साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है नशा अब एक विकट समस्या बन गयी है जिससे आज स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग और विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है, नशे की लत बेहद खतरनाक होती है। यह मन और शरीर को नुकसान पहुँचाती है जिससे कई संक्रामक बीमारियों, दौरे पड़ना और यहाँ तक कि मानसिक अवसाद, तनाय, आत्महत्या के विचार जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो सकती हैं. इसलिए मदद लेते समय, उचित इलाज, सहायता और परामर्श लेना जरूरी है। अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार बन्दियों हेतु संचालित निःशुल्क विधिक सेवाओं की जानकारी प्रदान की गई एवं जेलर जिला कारागार अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि यदि बीएनएसएस 479 से सम्बन्धित कोई भी विचाराधीन बन्दी जिला कारागार अम्बेडकरनगर में बन्द है एवं ऐसे बन्दी जिनकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है परन्तु वह जमानतदार के अभाव में कारागार से रिहा नहीं हो पा रहा है तो उसकी सूचना से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर को सत्तमय अवगत करायें जिससे आवश्यक कार्यवाही करते हुये सम्बन्धित बन्दी को रिहाई का प्रयास किया जा सके।
कारागार निरीक्षण के दौरान अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बन्दियों से भोजन व स्वास्थय के सम्बन्ध में पूछा गया तथा उनके मुकदमे की स्थिति निःशुल्क अधिवक्ताओं द्वारा की जा रही पैरवी के सम्बन्ध में जानकारी ली गई तथा जेलर को परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं बन्दियों की अस्वस्थता की अवस्था में अविलम्ब चिकित्सा सुविधा दिलवाये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं कहा गया कि यदि किसी भी बन्दी को निःशुल्क विधिक सहायता अथवा निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।





