राजकीय उद्यान पार्क प्रशासनिक उपेक्षा का है शिकार
(गिरजा शंकर विद्यार्थी)
अंबेडकर नगर: जनपद मुख्यालय में पार्क की ऐसे ही कमी है और जो हैं भी वे प्रशासन व स्थानीय निकाय की अनदेखी के शिकार हैं। अंबेडकरनगर के अकबरपुर नगर पालिका क्षेत्र में स्थित शहर का इकलौता राजकीय उद्यान भी इन दिनों बदहाली से महफूज नहीं है। जिले एक मात्र पार्क है जहां अकबरपुर नगर पालिका परिषद क्षेत्र में निवास करने वाली जनता सुबह- शाम घुमने और परिवार के संग शुद्ध हवा के लिए वॉक करने जाती है। जी हां वही एक मात्र राजकीय उद्यान की बात कर रहा हूं जहां कोई योग की सुविधा नहीं है न ही साफ सफाई ढंग से रहती है न ही आज तक ओपेन जिम लगवाया गया है। कई लोगों ने बताया की राजकीय उद्यान की बात करें तो आज चुनाव में सभी नगर पालिका परिषद के प्रत्याशियों ने अपने अपने ढंग से जनता को लुभावने वादो से साधने का कार्य कर रहे है। राजकीय उद्यान में आज तक आमजनता के लिए ओपेन जिम की व्यवस्था नहीं है लेकिन नगर क्षेत्र में प्राइवेट जिमो की लाइन लगी है जिसका आम जनमानस शुल्क नहीं दे सकता तो उन जिमो में नगर की जनता कसरत करने नहीं जा सकती। बात करें तो पिछले कई वर्षों से राजकीय उद्यान सिर्फ और सिर्फ बदहाली की मार झेल रहा है और जनता अपने द्वारा जिताए गये पालिका अध्यक्षो के वादों को झेलती रही थी ? शहर का एक मात्र राजकीय उद्यान में जाने वाले कई लोगों ने बताया की एक समय था जब हम शहरवासी सोचते थे कि शाम सुबह छुट्टी के दिन बच्चों को लेकर आनंद के साथ फव्वारा झूला तथा घूमने टहलने का आनंद उठा सकें लेकिन यह सपना केवल सपना ही रह गया वहां की दुर्दशा देखकर अब परिवार के साथ जाने का मन नहीं करता पार्क की बदहाली और सुधि लेने वाले आला अधिकारी मौन,आज तक शहर में जनता के लिए एक भी ओपेन जिम की व्यवस्था नहीं है जहां आमजनता जा कर कसरत कर सके बस है तो प्राइवेट जिम जिसका शुल्क नहीं दे सकते। ऐसे अनेक शहर की जरूरते हैं जिनको जनप्रतिनिधियों द्वारा नकारा जा रहा है। मुद्दा जब चुनाव का आता है तब वादों के साथ प्रतिद्वंद्वियों के ऊपर आरोप प्रत्यारोप भी लगते हैं पर क्या इस बार जनता को लगता है जो भी जीतेगा वो एक मात्र शहर की नाक कहे जाने वाला पार्क बदहाली से उबर पाएगा।