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युवती ने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू रीति रिवाज से की शादी
उत्तर प्रदेश। (आशा भारती नेटवर्क) बहराइच में प्यार की खातिर रुबीना से रूबी बनकर युवती ने शेष कुमार अवस्थी से शादी कर ली. जब इस बात का पता रुबीना के घर वालों को लगा तो उन्होंने इसका विरोध जताया.
यही नहीं, उन्हें यह बात इतनी नागवार गुजरी कि रुबीना ने पिता ने शेष कुमार के खिलाफ अपहरण का मामला तक दर्ज करवा दिया.
इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया. न्यायालय में पेश होते ही रुबीना उर्फ रूबी ने कहा, ”जज साहब मैं बालिग हूं. मुझे अपना फैसला करने का पूरा अधिकार है. मैंने अपनी इच्छा से अपने मजहब को छोड़ कर हिन्दू रीति रिवाज से शादी की है.”
रुबीना उर्फ रूबी की इस बात को सुनने के बाद न्यायालय परिसर में कुछ पल के लिए सन्नाटा छा गया. दरअसल, रुबीना के घर वालों का कहना था कि उनकी बेटी पढ़ी-लिखी नहीं है और नाबालिग है. जबकि, रुबीना के ससुराल वालों ने कोर्ट में मार्कशीट दिखाते हुए बताया कि रुबीना पढ़ी लिखी है और बालिग भी है.
दोनों पक्षों के दावों के बीच कोर्ट ने युवती के शैक्षिक दस्तावेजों में दर्ज जन्मतिथि को सही मानकर उसे बालिग करार दिया और उसे उसकी मर्जी पर उसके ससुराल जाने की इजाजत दे दी.
इस मामले में लड़के के पिता ने कहा कि वो इस शादी से बेहद काफी खुश हैं. मुस्लिम समुदाय की बिटिया को दिल से अपनाते हुए घर की बहू के रूप में स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि बच्चों की खुशी में ही हमारी खुशी है.
क्या है पूरा मामला ?
कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के शिवपुरा गांव की रुबीना ने तमाम सामाजिक बंधनों को दरकिनार कर गांव के ही दूसरे समुदाय के शेष कुमार अवस्थी के साथ जाकर मुंबई के एक मंदिर में शादी कर ली और अपना नाम रूबी अवस्थी कर लिया. रुबीना के पिता कल्लन ने बीती 30 अप्रैल को थाने में FIR दर्ज करवाई. शेष कुमार पर उनकी बेटी को बहला-फुसला कर ले जाने का आरोप लगाया.
थाने में दर्ज एफआईआर के मद्देनजर कोतवाली देहात पुलिस ने रुबीना को मुंबई से बरामद कर लिया और बहराइच ले आई. उसका मेडिकल करवाया गया. फिर बयान दर्ज हुए. रुबीना ने कहा कि वह बालिग है और उसने अपनी मर्जी से शेष कुमार अवस्थी से शादी की है.
कोर्ट में दो अलग-अलग दावे
अदालत के सामने युवती की सुपुर्दगी को लेकर दो अलग-अलग दावे किए गए. जहां एक ओर रुबीना के ससुर कन्हैया लाल अवस्थी ने कोर्ट पर उसके शैक्षिक दस्तावेज के तौर उसकी मार्कशीट पेश कर यह मांग की कि उनकी बहू बालिग है और उसे उन्हे सौंपा जाए.
दूसरी ओर रुबीना के अनुवांशिक पिता कल्लन ने उसके ससुर के दावों को फर्जी बताया और कहा कि उनकी बेटी पढ़ी लिखी नहीं है. उसकी उम्र 15 साल है. उन्होंने अपने दावे के पक्ष में उसका जन्म प्रमाण पत्र कोर्ट को सौंपा.
कोर्ट ने रुबीना की मार्कशीट में दाखिल जन्मतिथि को सही माना और उसे पुलिस अभिरक्षा में ससुराल के परिजनों के पास भेजने का आदेश पारित किया.
क्या कहते हैं कोर्ट के विधि अधिकारी?
इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक अधिकारी न्यायालय पर अभियोजन अधिकारी राजपति ने बताया कि पुलिस ने अभी मामले की विवेचना समाप्त नहीं की है और पुलिस इस मामले से जुड़े तमाम तथ्यों की अभी भी जांच कर रही है, जिसमें रुबीना के अनुवांशिक पिता कल्लन द्वारा उसके शैक्षिक दस्तावेजों को गलत बताने की भी जांच शामिल है.
अभियोजन अधिकारी राजपति से जब सवाल किया गया कि जब उसका अनुवांशिक पिता उसका जन्म प्रमाण पत्र कोर्ट के समक्ष पेश कर रहे हैं, जिसमें वह नाबालिग है और वह मेडिकल जांच में भी नाबालिग साबित हुई है तो फिर वह बालिग कैसे हो सकती है ? इस पर उन्होंने बताया कि जुविनाइल जस्टिस एक्ट धारा 94 के मुताबिक, अगर लड़की पढ़ी लिखी है तो प्रथम दृष्टया उसके शैक्षिक अभिलेखों को ही सही माना जाएगा.
लड़की के पिता का कहना है कि उनकी लड़की पढ़ी लिखी नहीं है तो पुलिस उनके इस दावे की विवेचना कर रही है और अगर शैक्षिक दस्तावेज फर्जी पाए गए तो जिन्होंने उसके शैक्षिक दस्तावेज कोर्ट पर दाखिल किए हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में तमाम दावों के बीच फिलहाल रुबीना के प्रेम की नैतिक जीत हुई और रुबीना को उसके ससुराल वालों के पास भेजा दिया गया है. वहीं जब रुबीना को उसके ससुर कन्हैया लाल को सौंपा गया तो रुबीना बेहद खुश नजर आई.