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संयुक्त जिला चिकित्सालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन
गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान आफ एक्शन 2023-24 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर के आदेशानुसार एवं श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर कि निर्देशानुसार आज दिनांक 10.10.2023 को संयुक्त जिला चिकित्सालय, अम्बेडकरनगर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में डा० ओम प्रकाश, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, संयुक्त जिला चिकित्सालय अम्बेडकरनगर श्री रमेश राम त्रिपाठी, चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल श्री शरद पाण्डेय, असिस्टेट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, सुश्री बुतूल जेहरा, असिस्टेट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल एवं संयुक्त जिला चिकित्सालय के कर्मचारीगण आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम में बोलते हुये श्री रमेश राम त्रिपाठी चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल ने मानसिक स्वास्थय विषय पर प्रकाश डालते हुये बताया कि प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूक करना है और मानसिक बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान करना है। वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिवर्ड इंटर और वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ ने इसकी पहल की थी। आज मानसिक विकार पूरे विश्व में एक गंभीर समस्या है, विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार मानसिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों की संख्या अनुमानित 450 मिलियन है, भारत में लगभग 1.5 मिलियन व्यक्ति, जिनमें बच्चे एवं किशोर भी शामिल हैं मानसिक समस्या हमारे महसूस करने, सोचने एवं काम करने के तरीको को प्रभावित करती है इससे ग्रसित व्यक्ति असामान्य व्यवहार करने लगता है एवं उसे अपनी दैनिक दिनचर्या हेतु भी संघर्ष करना पड़ता है, कोविड-19 महामारी के दौरान हुये लाकडाऊन, सामाजिक दूरी नौकरियां जाना, स्कूल-कालेजों का बंद होना, लोगों का महानगरों से पलायन करना, दैनिक दिनचर्यां पर पडते दुष्प्रभाव पूरे समय घरों में बंद रहना व किसी से भी न मिल पाना, अपना अधिकांश समय टीवी, मोबाइल आदि के साथ व्यतीत करना आदि करणों ने हमारे मानसिक स्वास्थय को बुरी तरह प्रभावित किया। मानसिक समस्याओं के अन्तर्गत अवसाद, चिंता, परेशानी, तनाव आदि आते हैं जिन पर हम खुलकर बात नहीं कर पाते और अधिक परेशान हो जाते हैं इसके बचाव एवं उपचार के तौर पर हम योगा एवं व्यायाम, मनोवैज्ञानिक से सलाह, काउंसलिंग, भरपूर नींद लेना, अकेला न रहने का प्रयास करना, अपना समय ऐसे लोगों के साथ विताना जिन से हम खुलकर बात कर सकते हैं. उचित एवं स्वास्थ्यवर्धक खानपान, एवं अपनी दैनिक दिनचर्या में बदलाव करके हम मानसिक समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
श्री शरद पाण्डेय असिस्टेट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा शिविर में उपस्थित लोगों को बताया गया कि आजकल की इस दौड़ती भागती जिंदगी में हर कोई मानसिक दबाव से गुजर रहा है लेकिन बहुत कम लोग ही इसे अहमियत देते हैं इस अनदेखी के कारण वह मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजाइटी से लेकर हिस्टीरिया, डिमेशिया, फोबिया जैसी मानसिक बीमारी का शिकार हो जात हैं दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को समझाने के लिये आज के दिन यानी 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार ने देश में मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ते दुष्प्रभाव को कम करने के लिये वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की। मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम है “मानसिक स्वास्थय एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है।