इस न्यूज को सुनें
|
महेश चंद्र गुप्ता
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान आफ एक्शन 2023-24 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 20.12.2023 को लालता प्रसाद कन्या इण्टर कालेज, उर्मिलानगर, मुबारकपुर, टाण्डा अम्बेडकरनगर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री शरद कुमार पाण्डेय, असिस्टेंट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, श्री एच०सी० मिश्र, प्रबन्धक, लालता प्रसाद कन्या इण्टर कालेज, श्रीमती नीलम पाण्डेय, प्रधानाचार्या, लालता प्रसाद कन्या इण्टर कालेज श्री के०पी०सिंह पालीवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, दधिचि देहदान संघ, कालेज की छात्रायें, शिक्षिकायें, अभिभावकगण आदि उपस्थित रहे।
श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर आयोजित विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते हुये बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ओ योजना महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्रालय, स्वास्थय मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रूप में समन्वित और अभिसारित प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने के लिये इस योजना की शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत जिले में की गई जिसे निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में प्रारम्भ किया गया है इस योजना के अंतर्गत पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना, बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना, उन्हे शोषण से बचाना व सही / गलत के बारे में अवगत कराना, बालिकाओं को शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को समाजिक एवं आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है, लोगों को इसके प्रति जागरूक करना एवं बेटियों के अस्तित्व को बचाना एवं उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक समाजिक आंदोलन और समान मूल्य को बढ़ावा देने के लिये जागरूकता अभियान का कार्यान्वन करना निम्न लिंगानुपात वाले जिलों की पहचान कर ध्यान देते हुये गहन और एकीकृत कार्यवाही करना।
श्री शरद कुमार पाण्डेय, असिस्टेंट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा उपस्थित समस्त को बाल अधिकार, महिला अधिकार के विषय में जानकारी प्रदान करते हुये उन्हे विधिक जानकारी प्रदान की एवं बताया कि शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने सम्बन्धी कानून के लागू होने से बच्चों के लिये निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का सपना साकार हुआ इसे बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का नाम दिया गया है शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिसमें संविधान के 86वें संशोधन अधिनियम 2002 के द्वारा 21क जोड़कर शिक्षा को मौलिक अधिकार बना दिया गया है। शिक्षा का अधिकार विधेयक को संसद में 4 अगस्त 2009 को मंजूरी प्रदान की तथा 1 अप्रैल 2010 से शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुआ एवं कानून के अंतर्गत बच्चों को अनिवार्य निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिये अनेक प्रावधान किये गये हैं। बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हमारे अन्दर आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है।
श्री के०पी० सिंह पालीवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, दधिचि देहदान संघ, द्वारा शिविर में उपस्थित सभी को देहदान के महत्व के विषय में जानकारी प्रदान की एवं सभी को देहदान हेतु प्रेरित किया गया।
श्रीमती नीलम पाण्डेय, प्रधानाचार्या, लालता प्रसाद कन्या इण्टर कालेज, उर्मिलानगर, मुबारकपुर, टाण्डा अम्बेडकरनगर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित आगन्तुकों एवं उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकर नगर।