इस न्यूज को सुनें
|
गिरजा शंकर विद्यार्थी
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान आफ एक्शन 2023-24 एवं के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 29.01.2024 को जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में किशोर न्याय विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, जिला करागार अम्बेडकरनगर से श्री छोटे लाल सरोज, उपकारापाल व जिला कारागार के अन्य कर्मचारीगण एवं अल्पव्यस्क बन्दियों व बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
श्री कमलेश कुमार मौर्य, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार अम्बेडकरनगर में किशोर न्याय विषय पर जानकारी देते हुये बताया कि किसी भी राष्ट्र का निर्माण और राष्ट्र का भविष्य उस राष्ट्र के बच्चों पर निर्भर होता है यदि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित नहीं किया गया तो राष्ट्र का भविष्य भी असुरक्षित हो जायेगा समय और परिस्थितियों के अनुरूप ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। भारत में ऐसे किशोरों के लिये कुछ समय पूर्व किशोर न्याय (बालकों को देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2000 पारित किया गया है जो किशोर न्याय अधिनियम 1986 का संशोधित रूप है। सन 2000 के इस नये अधिनियम का प्रमुख उद्देश्य विधि विरोधी किशोरों की देखभाल और संरक्षण की व्यवस्था एवं उनके सर्वोत्तम हित में अधिनियम के तहत विभिन्न संस्थानों के माध्यम से उनके पुर्नवास की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। ऐसे बालकों को जेल, कचहरी आदि के वातावरण तथा पेशेवर अपराधियों से दूर रखकर उन्हें पारिवारिक माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाता है जिससे वे बड़े होकर आपराधिक जगत के बुरे वातावरण से दूर रहकर समाज में सम्मानित जीवन व्यतीत कर सकें।
शिविर के दौरान अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा उपस्थित किशोर अपचारियों एवं बंदियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार दिनांक 25.01.2024 से “Restoring the youth: Pan-India Campaign for identifying juvenile in prisons and rendering legal assistance-2024” के सम्बन्ध में भी जानकारी प्रदान की गई। सचिव महोदय द्वारा बताया गया कि इस कैम्पेन का मुख्य उददेश्य कारागार में निरूद्ध ऐसे व्यक्तियों की पहचान करना है जो अपराध होने के समय संभावित रूप से नाबालिग थे और ऐसे व्यक्तियों को किशोर होने के दावे के सहायक दस्तावेजों के साथ आवेदन दाखिल करने में विधिक सहायता प्रदान करना है।
शिविर के उपरान्त अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार एवं जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। कारागार के निरीक्षण के दौरान सचिव महोदय द्वारा बन्दियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के विषय में बात की बन्दियों को लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की एवं जेल अधीक्षक जिला कारागार, अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि बन्दियों को उनकी रिहाई के अधिकारों के प्रति जागरूक करें व किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर उचित उपचार दिलाना सुनिश्चित करें, बन्दियों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें, महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों का ध्यान रखें, जिला कारागार परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें एवं किसी भी प्रकार की विधिक सहायता प्राप्त करने हेतु जिला कारागार अम्बेडकरनगर में स्थापित जेल लीगल एड क्लीनिक में नियुक्त जेल पराविधिक स्वयं सेवक एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर से सम्पर्क स्थापित कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।