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शिविर का संचालन श्री रामचन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता, जि०वि०से० प्रा०, अम्बेडकरनगर द्वारा किया गया। शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा श्रमिकों का उनके द्वारा ईमानदारी एवं परिश्रम से कार्य के बल पर जीवन निर्वाह की प्रशंसा व गर्वपूर्ण स्थिति को रेखांकित करते हुए मजदूरों के संरक्षण हेतु निर्मित विधियों न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, बाल श्रम (निषेध एवं नियन्त्रण) 1986, कारखाना अधिनियम, वर्कमैन कंपनसेशन एक्ट, मनरेगा अधिनियम, ई०पी०एफ० एक्ट, औद्योगिक विवाद अधिनियम आदि विधि प्राविधानों से अवगत कराया गया। जिसका उपयोग करके वह अपना शोषण होने से खुद को बचा सकते हैं। इस सम्बन्ध में मजदूरों के हितों से सम्बन्धित भारतीय संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों के अनुच्छेद व मूल अधिकारों से सम्बन्धित अनुच्छेद 23 एवं 39 से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के अंतर्गत चलने वाली प्रमुख स्कीमों में असंगठित क्षेत्र के श्रमिको हेतु भी योजना चलाई जा रही है जिसके तहत संचालित टेली-लॉ स्कीम के तहत गरीब एवं मजदूर व्यक्तियों, जो उचित जानकारी न होने के कारण सही मंच पर अपनी शिकायत नहीं कर पाते, अपनी समस्याओं को कामन सर्विस सेण्टर पर दर्ज कराकर उन समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। उन्होंने मजदूरों के विधिक अधिकारों के बारे में बताते हुए कहा कि जिस मजदूर के पारिश्रमिक का भुगतान उचित एवं समय से नहीं किया जाता तो वह नियोक्ता के विरूद्ध न्यायालय/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का दरवाजा खटखटा सकते हैं उन्होने बताया कि श्रमिक अपना पंजीयन जन सुविधा केन्द्र द्वारा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल upssb.in पर करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित सभी को उपभोक्ता अधिकार के विषय में भी विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुये बताया गया कि उपभोक्ताओं के अधिकारों में मुख्यतः सभी प्रकार की हानिकारक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा का अधिकार, सभी वस्तुओं और सेवाओं के प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में पूरी तरह से सूचित करने का अधिकार, वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त विकल्प का अधिकार, उपभोक्ताओं के हितों से सम्बन्धित समस्त निर्णय लेने वाली प्रक्रियाओं में सुनवाई का अधिकार, जब भी उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन किया गया है उसका निवारण करने का अधिकार है।