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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2024 – 25 के अनुपालन में श्री राम सुलीन सिंह, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 09.10.2024 को व्याकरा हाल, विकासखण्ड-अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में ‘विधान से समाधान कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं के हितार्थ हेतु महिलाओं के कानूनी अधिकार एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न निवारण (पाश एक्ट) एवं लिंग चयन और लिंग निर्धारण के निषेध (पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट) पर जन जागरूकता तथा लैंगिक समानता हेतु प्रावधानों का प्रचार-प्रसार एवं थर्ड जेण्डर के मौलिक अधिकार तथा आपदा पीड़ित का अधिकार एवं समान पारिश्रमिक अधिनियम 1978 तथा महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण से सम्बन्धित कानूनों के विषय में जागरूकता एवं महिला स्वच्छता व सेनेटरी नैपकिन से सम्बन्धित विषय पर विधिक साक्षरता / जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री प्रमोद कुमार यादव, खण्ड विकास अधिकारी, विकासखण्ठ, अकबरपुर, श्री कमलेश कुमार सिंह, जिला श्रम प्रर्वतन अधिकारी, श्री फूल कुमार गौतम, डी०पी०ओ० (आई०सी०डी०एस०) श्री शरद कुमार पाण्डेय, असिस्टेण्ट लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, सुश्री बुतूल जेहरा, असिस्टेण्ट लीगल एठ डिफेन्स काउन्सिल, श्रीमती शिवांगी त्रिपाठी उपनिरीक्षक, प्रतिभागी महिलायें, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, स्वंय सहायता समूह से महिलायें व पुलिस कर्मी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण एवं पी०एल०वी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। श्री प्रमोद कुमार यादव, खण्ड विकास अधिकरी विकासखण्ड-अकबरपुर, अम्बेडकरनगर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण, प्रतिभागियों एवं श्रोतागण का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पुष्पा पाल, पराविधिक स्वंय सेवक द्वारा किया गया। श्री कमलेश कुमार, जिला श्रम प्रर्वतन अधिकारी, अम्बेडकरनगर द्वारा उपस्थित महिला प्रतिभागियों को भारतीय संविधान और फैक्ट्री अधिनियम, 1948 के तहत महिलाओं के लिये समान काम समान वेतन आदि के बारे में बताया गया। सुश्री बुतूल जेहरा, असिस्टेण्ट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा महिलाओं के विरुद्ध अपराध जैसे, एसिड हमला, बलात्कार, अपहरण, आई०पी०सी० के तहत किसी भी प्रकार का यौन हमला, मानव तस्कारी, क्रूरता, और आई०पी०सी० तथा दहेज अधिनियम के तहत दहेज उत्पीडन के विषय में बताया गया। श्री शरद पाण्डेय, असिस्टेट, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा व साइबर क्राइम को सम्बन्ध में भी बताया कि उसजकल डिजिटल/साइबर काइम बेहद तेजी से चल रहा है जिसके पीड़ित इसकी शिकायत जनदीकी थानों में जाकर कर सकते हैं। श्रीमती शिवांगी त्रिपाठी, उपनिरीक्षक/प्रभारी महिला परामर्श केन्द्र द्वारा बताया गया कि निशन शक्ति मिशन मोड एवं महिलाओं की सहायता हेतु संचालित हेल्पलाईन न० 112, 1090 एवं 1076 के बारे में भी बताया गया। श्रीमती सुधा वर्मा, महिला चिकित्साधिकारी, सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र, अकबरपुर द्वारा बताया गया कि मासिक धर्म स्वच्छता प्रबन्धन महिलाओं की भलाई का एक महत्वपूर्ण पहलू है और प्रत्येक महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन का उपयोग किया जाना चाहिये एवं उनके द्वारा सर्वाकल कैंसर से बचाव के सम्बंध में भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का समापन श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा उपस्थित समस्त अधिकारीगण, सदस्य गण, एवं महिला प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन देते हुये किया गया एवं ‘विधान से समाधान” कार्यक्रम की भूमिका व उद्देश्यों पर भी बाल की गई। अपर जिला जज/सचिव महोदय द्वारा धर्ड जेण्डर के अधिकार सशक्तीकरण, पाश एक्ट, पी०सी०पी०एन० डी०टी० एक्ट, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं, एवं आमजन की सुविधा हेतु जारी हेल्पलाईन न0 16100 के विषय में विस्तारपूर्वक बताया गया, सचिव महोदय द्वारा यह भी बताया गया कि आमजन को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कार्यालय जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर में संचालित है एवं तहसील स्तर पर प्रत्येक तहसीलों में तहसील विधिक सेवा समिति की स्थापना की गई है। अतिरिक्त कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिये 2013 में बनाये गये कानून जिसे पाश एक्ट यानी प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है पर जानकारी देते हुये बताया कि किसी भी प्राईवेट सेक्टर, तरकारी या गैर सरकारी जिनमें महिलायें कार्य करती हैं। उसमें महिलाओं के कार्य स्थल पर लैंगिंक तत्पीड़न से सरंक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवादों के निवारण के लिये प्राईवेट सेक्टर, सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में समिति बनाया गया है उन समितियों के तहत जो भी पीड़ित महिलायें होगी अपनी सूचना समिति को देगी और समिति उस पर कार्यवाही करेगी। कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीडन से बचाने के लिये आंतरिक परिवाद समिति व क्षेत्रीय परिवाद समिति का गठन किया गया है। समिति दो प्रकार की होगी आंतरिक एवं बाध्य। पी०सी०पी०एन०टी० एक्ट पर जानकारी देते हुये बताया कि लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, 1994 एक ऐसा अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिये लागू किया गया है। इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण का विज्ञापन करता है या ऐसे किसी भी कार्य में संलग्न होता है तो उसे तीन साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है। एवं भारत में ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों को कानूनी तौर पर थ जेण्डर की मान्यता दी गई है। उनका दर्जा किसी भी महिला या पुरुष के समान ही है उनके पास भी समान अधिकार है जिसमें भारत के संविधान के तहत अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करने का अधिकार भी शामिल है। लैंगिक समानता महिलाओं और लडकियों के खिलाफ हिंसा को रोकती है। आर्थिक समृद्धि के लिये यह आवश्यक है। जो समाज महिलाओं और पुरुषों को समान मानते हैं वे अधिक सुरक्षित और स्वस्थ है। लैंगिक समानता एक मानव अधिकार है।