इस न्यूज को सुनें
Getting your Trinity Audio player ready...
|
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) 277 कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में प्रशासन पर लगातार मनमानी के आरोपों को लेकर सपा हमलावर रही। इस बीच बिना प्रतिक्रिया दिए ही डीएम व एसपी चुनाव सकुशल संपन्न कराने में जुटे रहे। चुनाव परिणाम के बाद भी सपा ने निशाना साधा लेकिन दोनों हंस के टाल गए। अब जब भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की तो जनता के बदलाव के मूड के रूप में देखा जा रहा है। परिणाम के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने पोस्ट भी किया कि ऐसे परिणाम किसी जोर जबरदस्ती के बल पर नहीं लाए जा सकते। यह तो जनता ने बदलाव का वोट है।कटेहरी उपचुनाव में नामांकन के दौर से ही सपा ने जिला प्रशासन पर खूब हमला किया। भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया। कहा कि मतदाताओं को धमकाया जा रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो डीएम को भाजपा का जिलाध्यक्ष तक करार दे दिया। जिले के दौरे पर पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ज्यादती व मनमानी के आरोपों को लेकर डीएम व एसपी से मिलने कलेक्ट्रेट तक पहुंच गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान सांसद लालजी वर्मा व उनकी पुत्री छाया वर्मा की लगातार पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से झड़प की खबरें सामने आती रहीं।मतदान के दिन भी समाजवादी पार्टी खूब हमलावर रही। वर्ग विशेष का वोट न पड़ने देने और सपा कार्यकर्ताओं को बूथों से पहले भगा देने के आरोप सांसद व उनकी टीम द्वारा लगाए गए। आमतौर पर लोगों का मानना था कि यदि मुकाबला नजदीकी रहता है तो ऐसे आरोपों को बल मिल जाएगा। हालांकि अब बड़े मतों के अंतर ने मतदाताओं ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि यह परिणाम जनता के बदले मूड का असर है। राजनीतिक समीक्षक आशुतोष पाठक कहते हैं कि कटेहरी के सभी क्षेत्र के मतदाताओं ने भाजपा प्रत्याशी का साथ दिया है। यह एक सहज जनादेश है।पुलिस की अभेद्य सुरक्षा के बीच शनिवार को राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज में बने मतगणना स्थल तक पहुंचने के लिए लोगों को एक किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। इस दौरान पुलिस के बनाए सात द्वार पार करने पड़े। इसे पार कर मतगणना स्थल तक केवल मतगणनाकर्मी, मतगणना एजेंट के साथ ही अधिकृत अन्य लोग पहुंच सके। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के मुख्य द्वार पर सीओ टांडा शुभम कुमार ने मोर्चा संभाल रखा था। उनके साथ 50 से अधिक सिपाही व कई थानाध्यक्ष मुस्तैद रहे। हर आने-जाने वालों की तलाशी लेने के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। मुख्य गेट के साथ ही मतगणना स्थल के 500 मीटर के दायरे में ड्रोन से भी नजर रखी गई।