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सुल्तानपुर। (आशा भारती नेटवर्क) पेट में दर्द होने पर महिला ने चिकित्सक से इलाज कराया। चिकित्सक पर आरोप है कि गलत ढंग से इंजेक्शन लगाने के कारण संक्रमण हो गया और महिला का दाहिना हाथ कलाई से काटना पड़ा। छह वर्ष तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने पीड़िता के पक्ष में फैसला सुनाया और आरोपी चिकित्सक से 2.50 लाख रुपये क्षतिपूर्ति दिलाने का आदेश दिया।
कूरेभार थाने के जमोली दखिनवारा निवासी हनुमंत लाल की पत्नी पूनम ने 16 अक्तूबर 2018 को कूरेभार के मियागंज सैदखानपुर के डॉ. जेए खान के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में क्षतिपूर्ति के लिए परिवाद दायर किया था। पूनम का कहना है कि पेट में दर्द होने पर वह तीन फरवरी 2017 को पति के साथ इलाज कराने के लिए डॉ. जेए खान की खान क्लीनिक पर गई थीं।
चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाने के लिए पूनम के दाएं हाथ में वीगो लगा दिया था। पूनम का आरोप है कि वीगो नस में न लगाए जाने के कारण दवा मांस में जाने लगी थी। इससे हाथ में सूजन हो गई और संक्रमण हो गया। बाद में परिजनों ने सफदरगंज अस्पताल नई दिल्ली में पूनम का इलाज कराया।
वहां पर 14 मार्च 2017 को पूनम का ऑपरेशन कर कलाई से हाथ काटना पड़ा था। पूनम ने इसके लिए चिकित्सक डॉ. जेए खान को जिम्मेदार बताते हुए 9,50,000 रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी। हालांकि डॉ. जेए खान ने पीड़िता का इलाज करने से ही इन्कार कर दिया था।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष रामलखन सिंह चंद्रौल व सदस्य भारत भूषण तिवारी ने पूनम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आरोपी आरोपी डॉ. जेए खान को आदेश दिया है कि वह परिवादी को दो माह में 2.50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान करें। साथ ही वाद व्यय के लिए पांच हजार रुपये भी अदा करें।