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✅विधि
अपने मेट पर पेट के बल सीधे लेट जाएं। अपनी दोनों हथेलियां को कंधे के ठीक नीचे रखें अब लंबी गहरी सांस भरकर अपने चेस्ट को उठाइए और रोक कर रखिए। जितनी देर आप रोक सकते हैं रोकिए फिर उसके बाद धीरे से सांस छोड़कर वापस आइए।
इस प्रकार इस आसन का अभ्यास 2 से 3 बार कीजिए।
✅फायदे
🔶यह कमर दर्द को ठीक करता है
🔶सर्वाइकल को ठीक करता है।
🔶 साइटिका दर्द को ठीक करता है
🔶पेट की चर्बी कम करता है।
🔶पीठ में लचीलापन लाता है।
🔶पेट की आंतरिक अंगों की मसाज करता है।
🔶शरीर में रक्त संचार की गति को बढ़ाता है।
🔶त्वचा रोगों को दूर करता है।
🔶मानसिक शांति प्रदान करता है।
🔶स्ट्रेस चिंता तनाव को दूर करता है।
🔶पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
🔶 नसों की गंदगी साफ करता है।
🔶प्रजनन तंत्र को मजबूत बनाता है।
🔶थायराइड ग्रंथि की समस्या को ठीक करता है।
🔶अस्थमा के रोगियों के लिए लाभकारी है।
🔶फेफड़ों की क्षमता का विस्तार करता है।
🔶हृदय को स्वस्थ बनाता है।
⛔सावधानियां 🚫
❌हर्निया के रोगियों के लिए वर्जित है।
❌गर्भवती महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना है।
❌आपका किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ है पेट का तो उनको यह नहीं करना है।






