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*गिरजा शंकर गुप्ता*
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क)
जनपद अंबेडकर नगर के बसखारी रोड स्थित उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक पुराने नसबंदी मुआवजा मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.संजय कुमार शैवाल को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश जारी किया गया। यह सनसनीखेज मामला कटेहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ा है, जहां नसबंदी के बाद भी लाभार्थी के बच्चा होने के प्रत्यावेदन पर सुनवाई हो रही थी।
उपभोक्ता फोरम के जज ने सख्त रुख अपनाते हुए सीएमओ को आदेश दिया कि जब तक लाभार्थी के खाते में मुआवजा राशि जमा नहीं हो जाती, तब तक वे न्यायिक हिरासत में रहेंगे। इस आदेश के बाद हड़बड़ी में सीएमओ ने तत्काल कटेहरी के अधीक्षक से संपर्क कर लाभार्थी के खाते में राशि ट्रांसफर करवाई। इसके बाद उपभोक्ता फोरम में कुछ समय के लिए डॉ. शैवाल को हिरासत में भी लिया गया, जिसने पूरे जिले में चर्चा का माहौल गर्म कर दिया।
यह मामला उपभोक्ता अधिकारों और स्वास्थ्य सेवाओं की जवाबदेही पर सवाल उठाता है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। उपभोक्ता फोरम के इस सख्त कदम को कई लोग सराह रहे हैं, तो कुछ इसे प्रशासनिक जवाबदेही का एक नया उदाहरण मान रहे हैं।
क्या यह मामला स्वास्थ्य विभाग में सुधार की दिशा में एक कदम साबित होगा, या फिर यह केवल एक दिन की सुर्खी बनकर रह जाएगा? जनता की नजर अब इस मामले के अगले मोड़ पर टिकी है।