इस न्यूज को सुनें
Getting your Trinity Audio player ready...
|
- खिलाड़ियों ने जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला से की शिकायत
अंबेडकरनगर। (आशा भारती नेटवर्क) राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर अंबेडकरनगर के एकलव्य स्टेडियम में 31 अगस्त को आयोजित एथलेटिक्स प्रतियोगिता अब विवादों की दौड़ में शामिल हो गई है। आयोजन की पारदर्शिता और नियमों के पालन को लेकर जिले के तीन दर्जन से अधिक एथलीटों ने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए शिकायत की है कि प्रतियोगिता में नियमों की अनदेखी हुई और खिलाड़ियों के साथ अनुचित व्यवहार किया गया।
महिला वर्ग की प्रतियोगिता में नियमों के विरुद्ध डिस्क्वालिफिकेशन का आरोप
विवाद की सबसे बड़ी वजह महिला वर्ग की 3000 मीटर दौड़ रही, जिसमें तीसरे स्थान पर आने वाली एक एथलीट को दौड़ के दौरान जूता निकल जाने के कारण डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। खिलाड़ियों का कहना है कि एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे किसी एथलीट को सिर्फ जूता निकलने पर अयोग्य घोषित किया जा सके।
‘खेलो इंडिया’ आयोजन में मात्र दो इवेंट, खिलाड़ियों को मिली निराशा
खेलो इंडिया के अंतर्गत आयोजित इस प्रतियोगिता में केवल दो स्पर्धाएं कराई गईं— पुरुष वर्ग में 5000 मीटर और महिला वर्ग में 3000 मीटर दौड़। जिले भर से आए दर्जनों खिलाड़ियों ने कहा कि इतने बड़े मंच पर सिर्फ दो इवेंट आयोजित करना न केवल आयोजन की गंभीरता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, बल्कि खिलाड़ियों के हौसले भी प्रभावित करता है।
कोच और क्रीड़ा अधिकारी पर अभद्रता का आरोप
शिकायती पत्र में खिलाड़ियों ने जिला क्रीड़ा अधिकारी शीला भट्टाचार्य और खेलो इंडिया एथलेटिक्स कोच सुमेधा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान कोच द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इसके अलावा प्रतियोगिता को गुप्त रखने का भी प्रयास किया गया, जिससे कई खिलाड़ी समय पर जानकारी न मिलने के कारण प्रतिभाग नहीं कर सके।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
खिलाड़ियों ने बताया कि प्रतियोगिता के दिन ही उन्होंने जिला क्रीड़ा अधिकारी से शिकायत की थी, लेकिन न तो कोई सुनवाई हुई और न ही कोच के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। विरोध करने पर कोच द्वारा एक खिलाड़ी के साथ अनुचित व्यवहार किए जाने की बात भी ज्ञापन में कही गई है।
खिलाड़ियों ने की डीएम से न्याय की गुहार, हस्तक्षेप की मांग
अब खिलाड़ियों ने जिला अधिकारी से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रतियोगिता में पारदर्शिता और नियमों का पालन नहीं किया गया तो यह ना केवल खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि खेल जगत की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह है।