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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क)
जिले में बिजली चोरी रोकने के नाम पर विद्युत निगम ने विजिलेंस टीम को सख्त निर्देश दिए हैं कि तय रोस्टर के अनुसार विद्युत वितरण खंडों में प्रतिदिन छापेमारी की जाए। बिजली चोरी पकड़े जाने पर एंटी थेफ्ट थाने में मुकदमा दर्ज करा जुर्माना वसूली की कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन हकीकत इससे उलट है।सूत्रों के मुताबिक, अंबेडकर नगर में विजिलेंस टीम का खेल कुछ और ही है। टीम उपभोक्ता को चोरी करते पकड़ने के बाद जब ऑफिस पर बुलाया जाता है तो पहले मोबाइल जब्त कर लेती है और फिर ऑफिस में बुलाकर “डील” तय करती है। समझौता बन जाने पर मामला वहीं खत्म कर दिया जाता है, और अगर बातचीत फाइनल नहीं होती तो मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। यानी चोरी रोकने के बजाय विजिलेंस टीम खुद ‘वसूली अभियान’ में जुटी है।गौरतलब है कि जिले में करोड़ों रुपये बिजली बिल बकाया हैं। निगम के आदेशानुसार विजिलेंस टीम को उपभोक्ताओं की खपत और निर्धारित क्षमता के कनेक्शन की भी जांच करनी है। लेकिन यह जांच केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है।गत वर्ष भी विजिलेंस टीम के ऑफिस में चोरी करते हुए बिजली का उपभोग करने का वीडियो मीडिया में प्रसारित होने के बाद पूरी टीम का तबादला किया गया था। इसके बावजूद नए कर्मचारियों के आने के बाद वही खेल दोबारा शुरू हो गया। अब जिले में बिजली चोरी पकड़ने की कार्रवाई जनता की नजर में मजाक बन गई है—पहले चोरी पकड़ो, फिर वसूली करो और छोड़ दो।जिले की जनता का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो न चोरी रुकेगी, न राजस्व बढ़ेगा, बल्कि विजिलेंस टीम का “खेल” और तेज होता जाएगा।