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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क)
जिले के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली एक बार फिर विवादों के घेरे में है। पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजकुमार के स्थानांतरण के बाद डॉ. शैवाल की नियुक्ति के बाद अवैध अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों पर छापामारी अभियान ने जोर पकड़ा था। इस कार्रवाई से जनता में फर्जी स्वास्थ्य संस्थानों पर लगाम लगने की उम्मीद जगी थी। हालांकि, सीएमओ डॉ. शैवाल पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगने के बाद यह अभियान ठंडे बस्ते में चला गया है। सूत्रों के मुताबिक, लाइसेंस नवीनीकरण में अवैध धन उगाही के आरोपों की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। चर्चा है कि सीएमओ ने जांच अधिकारियों को अपने पक्ष में रिपोर्ट तैयार करने की पेशकश की, जिससे जांच की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस मामले में सच सामने आएगा या सत्ता और प्रशासनिक दबाव में इसे दबा दिया जाएगा। भ्रष्टाचार के इन आरोपों ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की साख को कटघरे में खड़ा कर दिया है।





