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- अपर जिला जज भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता द्वारा जिला कारागार किया गया निरीक्षण
(आशा भारती नेटवर्क)
अंबेडकर नगर। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2025-26 के अनुपालन में दिनांक 7 अक्टूबर को जिला कारागार अम्बेडकरनगर में बन्दियों के मानवाधिकार, बन्दियों को दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता एवं नये कानूनों के सम्बन्ध में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, आलोक सिंह, जेलर, श्री सूर्यभान सरोज, डिप्टी जेलर, तेजवीर सिंह, डिप्टी जेलर एवं जि०वि० से० प्रा० के कर्मचारीगण तथा जिला कारागार अम्बेडकरनगर के कर्मचारीगण एवं बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बन्दियों को उनके अधिकारों के विषय में बन्दियों हेतु राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, एवं उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित निःशुल्क विधिक सेवाओं एवं नये कानूनों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई तथा जेलर जिला कारागार अम्बेडकरनगर को निर्देशित किया गया कि यदि बीएनएसएस 479 से सम्बन्धित कोई भी विचाराधीन बन्दी जिला कारागार अम्बेडकरनगर में बन्द है एवं ऐसे बन्दी जिनकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है परन्तु वह जमानतदार के अभाव में कारागार से रिहा नहीं हो पा रहा है तो उसकी सूचना से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर को ससमय अवगत करायें जिससे आवश्यक कार्यवाही करते हुये सम्बन्धित बन्दी को रिहाई का प्रयास किया जा सके।
अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा निरीक्षण के दौरान बन्दियों से वार्ता करते हुये उनके स्वास्थय के बारे में जानकारी ली गई एवं पूछा गया कि क्या सभी को भोजन समय-समय पर दिया जा रहा है अथवा नहीं। बन्दियों से उनके मुकदमों के बारे में जानकारी ली गई एवं यह भी पूछा गया कि क्या उनके परिवारजनों से फोन के माध्यम से बातचीत करवाई जाती है। अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा जेलर को कारागार परिसर की स्वच्छता पर ध्यान दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं बन्दियों को अस्वस्थता की अवस्था में तत्काल चिकित्सा सुविधा दिलवाये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं कहा गया कि यदि किसी भी बन्दी को निःशुल्क विधिक सहायता अथवा निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।