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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित एक्शन प्लान 2025-2026 के क्रियान्वयन के क्रम में तथा चन्द्रोदय कुमार, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार आज दिनांक 17-10-2025 को महिलाओं के अधिकार महिलाओं के हितार्थ कानून, महिला सशक्तीकरण एवं मिशन शक्ति 5.0 आदि विषयों पर विधिक साक्षरता / जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन डकवारा हाल विकासखण्ड अकबरपुर में किया गया। उक्त विधिक साक्षरता/जागरुकता शिविर में भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, राजेन्द्र कुमार तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी, विकासखण्ड अकबरपुर, रमेश पाण्डेय, नायब तहसीलदार, सिकन्दरपुर, रमेश राम त्रिपाठी, चीफ, एल०ए०डी०सी०एस० राजेश तिवारी, डिप्टी चीफ एल०ए०डी०सी०एस० श्रीमती प्रीति सिंह, संख्क्षण अधिकारी, रामचन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता, श्रीमती ज्योती वर्मा, महिला थानाध्यक्ष, जि०वि० से०प्रा० के कर्मचारीगण, पी०एल०वी० विकासखण्ड अकबरपुर के कर्मचारीगण, आंगनवाड़ी कार्यकत्री स्वंय सहायता समूह की सदस्य महिलायें व आमजन उपस्थित रहे।
विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर में श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी, विकासखण्ड अकबरपुर द्वारा महिलाओं के अधिकार एवं शासन द्वारा महिलाओं के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई, श्री रमेश राम त्रिपाठी, चीफ, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल द्वारा महिलाओं की गिरफतारी के सम्बन्ध में कानून एवं अधिकार तथा निःशुल्क अधिवक्ता तथा विधिक सहायता की जानकारी दी गई। रामचन्द्र वर्मा नामिका अधिवक्ता द्वारा पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट वो विषय में बताते हुये सजा एवं जुर्माने की जानकारी भी दी गई, श्रीमती प्रीति सिंह, संरक्षण अधिकारी द्वारा महिलाओं के हितार्थ संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, एवं स्पान्सरशिप योजना आदि की जानकारी दी गई, श्रीमती ज्योती वर्मा, महिला थानाध्यक्ष, अम्बेडकरनगर द्वारा मिशन शक्ति मिशन मोड एवं महिलाओं की सहायता हेतु संचालित हेल्पलाईन न0 112, 1090, 1076 एवं साइबर काइम हेल्पलाईन नं0 1930 के बारे में भी बताया गया कार्यक्रम का संचालन श्रीमती पुष्पा पाल, पराविधिक स्वंय सेवक, जि०वि०से० प्रा०, द्वारा किया गया एवं महिला सशक्तीकरण के विषय में जानकारी प्रदान की गई।
विधिक जागरूकता/साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करते हुये बताया गया कि मिशन शक्ति 5.0 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया एक अभियान है, जो 22 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि के दौरान लॉन्च किया गया था। इस अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें महिलाओं को कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना, पुलिस की गश्त बढ़ाना, महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना और खेलकूद जैसी गतिविधियों में उन्हें शामिल करना शामिल है। अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा पॉश एक्ट पर जानकारी देते हुये बताया गया कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने के लिये 2013 में बनाये गये कानून जिसे पॉश एक्ट यानी प्रिवेंशन आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट कहा जाता है किसी भी प्राईवेट सेक्टर सरकारी या गैर सरकारी जिनमें महिलायें कार्य करती है। उसमें महिलाओं के कार्य स्थल पर लैगिक उत्पीड़न से सरंक्षण और लैगिक उत्पीड़न के परिवादों के निवारण के लिये प्राईवेट सेक्टर, सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में समिति बनाया गया है उन समितियों के तहत जो भी पीड़ित महिलायें होगी अपनी सूचना समिति को देगी और समिति उस पर कार्यवाही करेगी। कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न से बचाने के लिये आंतरिक परिवाद समिति व क्षेत्रीय परिवाद समिति का गठन किया गया है। समिति दो प्रकार की होगी आंतरिक एवं बाह्य। समिति के समक्ष प्रस्तुत शिकायत पर समिति जांच के उपरान्त निर्णय लेगी।
इसके अतिरिक्त श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार अम्बेडकरनगर का निरीक्षण किया गया निरीक्षण के दौरान बन्दियों से वार्ता करते हुये उनको दिये जाने वाले भोजन एवं स्वास्थय के बारे में जानकारी ली गई। बन्दियों से पूछा गया कि क्या अधिवक्ताओं द्वारा बन्दियों को उनके मुकदमें की प्रगति के विषय में बताया जाता है अथवा नहीं। अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा जेलर को कारागार परिसर की स्वच्छता पर ध्यान दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं बन्दियों को अस्वस्थता की अवस्था में तत्काल चिकित्सा सुविधा दिलवाये जाने हेतु निर्देशित किया गया एवं कहा गया कि यदि किसी भी बन्दी को निःशुल्क विधिक सहायता अथवा निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता है तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रेषित कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। निरीक्षण के दौरान 02 विचाराधीन बन्दियों द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता की मांग की गई।