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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) अकबरपुर बनगांव रोड स्थित छितूनी गांव में रामलीला के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास ने अकबरपुर के सपा विधायक रामअचल राजभर पर तीखा हमला बोला। महंत ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के बावजूद सनातन धर्म और रामचरितमानस पर टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
महंत राजू दास ने कहा कि सनातन की परंपरा इतनी विशाल और समृद्ध है, फिर भी हमने किसी का अपमान नहीं किया। इसके विपरीत, कुछ लोग रामचरितमानस और धर्मग्रंथों पर टिप्पणी कर समाज में भ्रम फैला रहे हैं। महंत ने कहा कि ऐसे राक्षस प्रवृत्ति वाले लोगों का जूता लेकर स्वागत करना चाहिए ताकि धर्म और परंपरा बची रह सके।
उन्होंने बताया कि रामचरितमानस का हर पात्र अत्यंत महत्वपूर्ण और अलौकिक है। महंत ने कहा:
“राम को वनवास हुआ तो लक्ष्मण और सीता भी उनके साथ वन चले गए। यह दर्शाता है कि धर्म और कर्तव्य में परिवार और समाज की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।”
महंत ने कहा कि आज समाज में कई भयंकर घटनाएँ हो रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर आई एक पत्नी द्वारा अपने पति की हत्या कर नीले ड्रम में डालने की घटना का उल्लेख किया। महंत ने इसे रामायण के आदर्शों के विपरीत बताते हुए कहा कि रामायण और रामचरितमानस का अध्ययन समाज में व्याप्त कई कुरीतियों और अन्यायों को समाप्त कर सकता है।
महंत ने रामअचल राजभर को चेतावनी देते हुए कहा:
“आपके जिले में कुछ राक्षस प्रवृत्ति वाले लोग हैं, उन्हें स्वीकार मत करो। उनका सामना जूता लेकर करो। यही धर्म की रक्षा का मार्ग है।”
महंत ने जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि धर्म और समाज की मर्यादा का सम्मान करना भी आवश्यक है।
इस मौके पर महंत ने रामलीला के माध्यम से धार्मिक और सामाजिक शिक्षा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि रामायण और रामचरितमानस केवल कथा नहीं, बल्कि समाज सुधार और नैतिक शिक्षा का माध्यम हैं।
उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रेरित किया कि रामायण के आदर्शों का अनुसरण कर अपने जीवन में धर्म, कर्तव्य और सत्य का पालन करें। महंत ने कहा कि यह समय धर्म, नैतिकता और सामाजिक मूल्यों को बचाने का है।





