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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अंबेडकरनगर ने कैनरा बैंक टांडा शाखा द्वारा एक उपभोक्ता की बंधक संपत्ति को जबरन नीलाम करने के प्रयास पर अंतिम निर्णय तक रोक लगा दी है। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि जब तक प्रकरण पर अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक संबंधित संपत्ति की नीलामी की किसी भी कार्रवाई पर रोक रहेगी।
मामला टांडा नगर क्षेत्र के नेहरूनगर निवासी लियाकत अली पुत्र मोहम्मद तकी खान से जुड़ा है। उन्होंने अपने पुत्र फिरदौस खान द्वारा संचालित सिमना ब्रिक फील्ड के लिए कैनरा बैंक टांडा शाखा से 20 लाख रुपये का कैश क्रेडिट (सीसी) लोन लिया था। इस ऋण के लिए लियाकत अली ने अपनी आवासीय संपत्ति को बैंक में बंधक रखा था।
आरोप है कि बैंक ने ऋण की अवधि पूरी हुए बिना ही और बिना विधिक नोटिस दिए, उक्त बंधक संपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। बैंक की इस कार्रवाई की जानकारी जमानतकर्ता को समाचार पत्रों के माध्यम से हुई, जिसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
पीड़ित लियाकत अली का कहना है कि बैंक ने बिना पूर्व सूचना दिए खाते को एनपीए (Non Performing Asset) घोषित कर दिया और इसके बाद संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने बताया कि उधारकर्ता द्वारा कई किस्तों का भुगतान किया गया था, जिनमें अंतिम भुगतान 30 जुलाई 2025 को हुआ था। इसके बावजूद बैंक ने खाता समय से पहले एनपीए घोषित कर जमानतकर्ता की 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति नीलाम करने का प्रयास किया।
मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अंबेडकरनगर ने बुधवार को आदेश जारी कर कहा कि बैंक की ओर से की जा रही नीलामी प्रक्रिया अंतिम आदेश तक स्थगित रहेगी। आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पाया कि बैंक की कार्रवाई नियमों के अनुरूप नहीं थी। इस आदेश के बाद पीड़ित उपभोक्ता को बड़ी राहत मिली है।
अदालत का आदेश आने के बाद लियाकत अली ने कहा कि बैंक की मनमानी के खिलाफ न्यायपालिका ने सही निर्णय दिया है। उन्होंने बताया कि बिना किसी नोटिस और वैधानिक प्रक्रिया के बैंक द्वारा की गई कार्रवाई से वह मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से परेशान थे। अब अदालत के इस निर्णय से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

स्थानीय कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि बंधक संपत्ति की नीलामी के लिए बैंक को आरबीआई और बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। बिना उचित नोटिस या वैधानिक समयावधि के नीलामी करना नियमों का उल्लंघन माना जाता है। अदालत का यह आदेश बैंकिंग प्रणाली में उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
कैनरा बैंक टांडा शाखा की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, बैंक की कानूनी टीम आदेश की प्रति प्राप्त कर आगे की रणनीति पर विचार कर रही है।





