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अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान ऑफ एक्शन 2025-26 के अनुपालन में श्री चन्द्रोदय कुमार, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 09.11.2025 को जिला कारागार अम्बेडकरनगर में विधिक सेवा सप्ताह का शुभारम्भ एवं विधिक सेवा दिवस के अवसर पर विधिक सेवाओं के विषय में व्यापक जागरूकता प्रदान किये जाने के कम में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री आलोक सिंह, जेलर, श्री राजेश कुमार तिवारी, डिप्टी चीफ, लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, श्री सूर्यभान सरोज, डिप्टी जेलर, श्री तेजवीर सिंह, डिप्टी जेलर, कारागार चिकित्सालय एवं जि०वि०से० प्रा० के कर्मचारीगण पी०एल०वी० तथा जिला कारागार अम्बेडकरनगर के कर्मचारीगण एवं बन्दियों एवं महिला बन्दियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
शिविर को सम्बोधित करते हुये श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर बताया गया कि विधिक सेवा दिवस प्रतिवर्ष 09 नवम्बर को मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, प्रत्येक नागरिक को निष्पक्ष और सम्मानजनक तरीके से न्याय पाने के लिये सशक्त बनाना है। इस दिवस की शुरूआत पहली बार वर्ष 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्ग को निःशुल्क विधिक सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिये की गई। निःशुल्क विधिक सेवायें, राष्ट्र स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तहसील स्तर पर तहसील विधिक सेवा समिति द्वारा प्रदान की जाती है। संविधान के अनुच्छेद 39ए अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है। वर्ष 2025 की थीम है न्याय तक समाज पंहुच सुनिश्चित करना और कमजोर वर्गों को सशक्तीकरण करना है। लोगों में कानूनी जागरूकता लाने और सभी नागरिकों विशेषकर हाशिये पर रह रहे समुदायों के लोगों के लिये न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिये विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। एक समान समाज के निर्माण के लिये कई परियोजनाओं और गतिविधियों के माध्यम से विवादों के समाधान के लिये तंत्र को बढ़ावा देने तथा लोगों को उनके कानूनी अधिकार के बारे में शिक्षित करना भी इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है।
निःशुल्क विधिक सेवा प्रदान किये जाने हेतु प्रमुखतः विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से नियुक्त/कार्यरत, नामिका अधिवक्ता एवं लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, जो की पात्र व्यक्तियों के वादों की निःशुल्क पैरवी करते है, पराविधिक स्वंय सेवक, जो कि समाज में जमीनी स्तर पर आम जन के सम्पर्क में रहते हुये उन्हे विधिक जानकारी / सहायता प्रदान करते है। अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा शिविर में उपस्थित बन्दियों को माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा पारित आदेश के बारे में अवगत कराया गया कि जिन बन्दियों की जमानत सक्षम न्यायालय द्वारा स्वीकृत किया जायेगा उनको जमानत आदेश की सूचना पूरे राज्य में 01 दिसम्बर से बेल आर्डर मेनेजमेन्ट सिस्टम के तहत तत्काल कारागार में ई-प्रिजन पोर्टल के जरिये सीधे जेल अधीक्षक तक पंहुचाई जायेगी जिससे की जमानत स्वीकृत होने के उपरान्त बन्दी की रिहाई में अनावश्यक देरी न हो। अपर जिला जज / सचिव महोदय द्वारा महिला एवं पुरूष बन्दियों को उनके मानवाधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उनकी पैरवी ठीक प्रकार से हो रही है अथवा नहीं के सम्बन्ध में बात की गई एवं सबके पास अधिवक्ता है अथवा नहीं के सम्बन्ध में भी जानकारी ली गई एवं बताया गया कि यदि किसी को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वे प्रार्थना पत्र कारागार के माध्यम से कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भेजकर निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।





