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- जमीन विवाद में बिना किसी अनुमति के जेसीबी से गिराया गया मकान
- अकबरपुर पुलिस ने जेसीबी को किया जब्त, एक गिरफतार
{गिरजा शंकर गुप्ता}
अंबेडकर नगर। (आशा भारती नेटवर्क) अकबरपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत शनिवार को कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटना सामने आई। थाने से चार किलोमीटर दूर टांडा रोड पर स्थित अरिया पुलिस चौकी के ठीक बगल दबंगों ने एक मकान को जेसीबी से गिरा दिया। हैरानी की बात यह रही कि यह पूरी कार्रवाई दिनदहाड़े हुई और आसपास लोगों की भीड़ जुटी रही। घटना के दौरान प्रशासनिक अनुमति या राजस्व विभाग की मौजूदगी नहीं पाई गई, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
जिस स्थान पर मकान ढहाया गया, वह अरिया पुलिस चौकी से सटा हुआ क्षेत्र है। स्थानीय लोगों के अनुसार दोनों जेसीबी काफी देर तक चलती रही हैं, लेकिन शुरुआत में किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं हुई। इस घटनाक्रम ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए। बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई के समय मौके पर पुलिस की कोई मौजूदगी नहीं थी।
घटना की जानकारी मिलते ही नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने साफ कहा कि मकान का ध्वस्तीकरण राजस्व टीम की मौजूदगी में नहीं कराया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी विवादित भूमि पर कार्रवाई का अधिकार केवल राजस्व विभाग को है। बिना अनुमति की गई इस कार्रवाई को उन्होंने नियमों के खिलाफ बताया।
पूरे विवाद की जड़ जमीन का स्वामित्व है। मिली जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर जिले के एक व्यक्ति ने उक्त भूमि का बैनामा कराने का दावा किया है। वहीं अंबेडकर नगर निवासी कमर अब्बास जमीन और मकान को अपनी संपत्ति बता रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। मामला राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट न होने के बावजूद एक पक्ष ने एकतरफा कार्यवाई करते हुए मकान गिरा दिया।
प्रशासनिक या न्यायिक आदेश के बिना मकान गिराए जाने से पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए हैं। नियमों के अनुसार विवादित भूमि पर किसी भी तरह की कार्यवाई से पहले राजस्व विभाग की जांच और आदेश जरूरी होता है। इसके बावजूद जेसीबी लगाकर मकान को मलबे में तब्दील कर दिया गया।
मामला तूल पकड़ने व मीडिया में आने पर पुलिस हरकत में आई। मकान गिराने में लगी दो जेसीबी मशीनों को कब्जे में लेकर थाने लाया गया। मौके से विपिन सिंह नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह कार्यवाई अवैध रूप से की गई थी, इसलिए मशीनों को जब्त किया गया है।
कोतवाल श्रीनिवास पांडेय ने बताया कि एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है और दोनों जेसीबी थाने लाई गई हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस का यह भी कहना है कि ध्वस्तीकरण के समय पहले से कोई पुलिस बल मौके पर मौजूद नहीं था।
पुलिस चौकी के पास दिनदहाड़े बुल्डोजर चलने की घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि बिना अनुमति यह कार्यवाही किसके निर्देश पर की गई और इसमें किन लोगों की भूमिका रही। फिलहाल मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।





