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अंबेडकर नगर 20 दिसम्बर 2025। (आशा भारती नेटवर्क) चन्द्रोदय कुमार जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, उपभोक्ता अधिकार एवं उपभोक्ता संरक्षण, स्थायी लोक अदालत की जनोपयोगी सेवायें, मध्यस्थता का महत्व के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता / जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन तहसील सभागार, अकबरपुर, अम्बेडकरनगर में किया गया। उक्त विधिक साक्षरता / जागरुकता शिविर में श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, श्री संजय मिश्र, उपजिलाधिकारी, अकबरपुर, श्री संतोष कुमार, तहसीलदार, अकबरपुर, श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी, खण्ड विकास अधिकारी, अकबरपुर, श्री राजेश कुमार तिवारी, डिप्टी चीफ, एल०ए०डी०सी०एस०, श्री शरद पाण्डेय, सहायक, एल०ए०डी०सी०एस०, श्री रामचन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता, श्री सुरेन्द्र प्रसाद मिश्र, सदस्य स्थायी लोक अदालत, जि०वि० से०प्रा० के कर्मचारीगण, पी०एल०वी० एवं तहसील के कर्मचारीगण व वादीगण उपस्थित आये।
श्री भारतेन्दु प्रकाश गुप्ता, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत कैम्पेन के विषय में बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा बाल विवाह को समाप्त करने का निर्णय लिया है एवं इस हेतु नालसा द्वारा जारी निर्देशों के कम में श्री चन्द्रोदय कुमार माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत 100 दिवसीय विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है इसके अंतर्गत जिला स्तरीय इकाई का गठन किया गया है एवं इसमें सम्बन्धित अधिकारियों को शामिल किया गया है, अभियान के अंतर्गत जनपद की समस्त तहसील एवं समस्त ब्लाकों में बाल विवाह रोकथाम, बाल विवाह निषेध हेल्पलाईन एवं पोर्टल सुविधा, आगनवाड़ी कार्यकत्री एवं आशा, पी०एल०वी० के माध्यम से जागरूकता कार्यकम् स्कूल एवं कालेजों के माध्यम से जागरूकता कार्यकम एवं रैली आयोजन, नुक्कड़ नाटक का आयोजन एवं मीडिया के सहयोग से व्यापक प्रचार-प्रसार, बाल विवाह मुक्त गांव-एक पहल, आदि का आयोजन किया जाना है। साथ ही अपर जिला जज / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2026 से दिनांक 31 जनवरी 2026 तक चलने वाले मध्यस्थता अभियान 2.0 के बारे में भी बताया गया कि अभियान के अंतर्गत पारिवारिक, चेक बाउन्स के मामले एवं सुलह समझौता के माध्यम से निस्तारित होने योग्य मामले जो जनपद न्यायालय अम्बेडकरनगर के विभिन्न न्यायालयों द्वारा मध्यस्थता केन्द्र, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बेडकरनगर में सुलह समझौता हेतु प्रेषित किये जायेंगे में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता की कार्यवाही अधिवक्ता मध्यस्थों द्वारा की जायेगी।
श्री संतोष कुमार, तहसीलदार, अकबरपुर द्वारा शासन की आमजन के कल्याणार्थ संचालित जनोपयोगी एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के विषय में, राजस्व के सम्बन्ध में वरासत, फार्मर रजिस्ट्री, दुर्घटना कल्याण योजना, एस०आई० आर आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी।
श्री सुरेन्द्र प्रसाद मिश्र, सदस्य, स्थायी लोक अदालत, द्वारा बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22बी के अंतर्गत स्थायी लोक अदालत का गठन प्रत्येक जनपद में किया गया है इसके अंतर्गत स्थायी लोक अदालत में यातायात सेवाओं से सम्बन्धित विवाद, डाकघर या टेलीफोन सेवाओं से सम्बन्धित विवाद, बिजली प्रकाश या जलसेवा से सम्बन्धित विवाद, लोक सफाई व स्वच्छता प्रणाली से सम्बन्धित विवाद, अस्पताल या औषधालय में सेवाओं से सम्बन्धित विवाद, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं, शिक्षा एवं शिक्षण संस्थान, हाउसिंग एवं स्टेट से सम्बन्धित विवाद एवं बीमा सेवाओं से सम्बन्धित विवादों का निस्तारण सुलह-समझौता के आधार पर किया जाता है।
श्रीमती पुष्पा पाल, पी०एल०वी० द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया एवं बाल विवाह के दुष्प्रभाव एवं इस कुप्रथा की रोकथाम के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये।
श्री शरद पाण्डेय, सहायक, एल०ए०डी०सी०एस० द्वारा शिविर में प्रतिभागियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं उपभोक्ता अधिकार के अंतर्गत बताया गया कि आनलाईन शापिंग में आपको खरीदे गये सामान की डिलिवरी नहीं की जाती है या आपको खराब सामान भेज दिया जाता है एवं जिसकी शिकायत करने के बाद भी कंपनी वाले आपकी शिकायत को अनदेखा कर आपको सही सामान उपलब्ध नहीं कराते, तो आपके पास विकल्प है कि आप उस कंपनी को अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक कानूनी नोटिस भेजवा सकते हैं एवं उक्त नोटिस का जवाब प्राप्त नहीं होता है तो उस कम्पनी के विरूद्ध उपभोक्ता फोरम के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत निवारण उपभोक्ताओं की शिकायतों के त्वरित और सरल समाधान के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग स्थापित किए गए है। उपभोक्ताओं के लिये शिकायती हेल्पलाईन नं0 1800114000 एवं 1915 के बारे में बताया
श्री राम चन्द्र वर्मा, नामिका अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि मध्यस्थता प्रक्रिया पारंपरिक अदालती मुकदमों की तुलना में विवादों को सुलझाने का एक तेज, किफायती और अधिक लचीला तरीका प्रदान करती है, समय और लागत की बचतरू अदालती मामलों में अक्सर लबा समय और पैसा खर्च होता है, मध्यस्थता के माध्यम से विवादों का जल्द निपटारा हो जाता है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है, मध्यस्थता की कार्यवाही गोपनीय होती है, इसमें हुई बातचीत या खुलासे सार्वजनिक नहीं किए जाते, मध्यस्थता स्वैच्छिक होती है और इसमें समाधान की शर्तों पर अंतिम नियंत्रण विवाद में शामिल पक्षों के पास ही होता है, न कि किसी तीसरे पक्ष के पास, प्रक्रिया पक्षों के बीच संबंधों को खराब होने से बचाती है।





